मुस्लिमों को करीब लाने के लिए मोदी सरकार करेगी पंचायत
मोदी सरकार एक ऐसी पंचायत शुरू करने जा रही है जिसमें मुस्लिम समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे
नई दिल्ली। मुस्लिमों को करीब लाने के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गुरुवार से सरकार एक ऐसी पंचायत शुरू करने जा रही है जिसमें मुस्लिम समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हिस्सा लेंगे। पहली पंचायत हरियाणा के मेवात में होगी। इसमें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी समेत कई केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
दूसरी पंचायत 6 अक्टूबर को राजस्थान के अलवर में होगी। अगले तीन चार महीने करीब सौ स्थानों पर मुस्लिम पंचायत लगेगी जिसमें राज्य और केन्द्र के नेता व अधिकारी मौजूद रहेंगे। यानि हर महीने औसतन 25 से 30 पंचायतें होंगी। कोशिश होगी कि समस्याओं का निपटारा वहीं के वहीं हो। इसका समापन दिल्ली में अंत्योदय समागम के रूप में होगा जिसमें खुद प्रधानमंत्री मौजूद रह सकते है।
योजना से यह संदेश देने की कोशिश होगी कि सरकार खुद चलकर उनके दरवाजे तक आई है ताकि उनकी समस्या का समाधान तुरंत हो। केन्द्र सरकार का मानना है कि पिछली सरकार ने मुस्लिमों के उत्थान के लिए कोई ऐसा कदम नहीं उठाया जिससे उनकी समस्याएं दूर हों। कांग्रेस ने इसे भाजपा का चुनावी हथकंडा करार दिया है। कांग्रेस नेता मीम अफजल ने कहा कि यूपी में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा इस तरह की बातें कर रही है। कांग्रेस ने हमेशा से मुस्लिम समुदाय की भलाई के बारे में सोचा और काम किया है।
केरल के कोझिकोड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुस्लिम समुदाय के उत्थान और उन्हें विकास की मुख्यधारा में जोडऩे की बात कही थी। प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों को वोट की मंडी बनाने वालों को फटकार लगाई थी। मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा था,न मुस्लिमों को पुरस्कृत करो,न तिरस्कृत। उनका परिष्कार करें। मुस्लिम कोई वोट की मंडी का माल नहीं है। ना ही वो घृणा की वस्तु है। उसे अपना समझेंं।
मुस्लिमों को करीब लाने के लिए मोदी सरकार सूफी सम्मेलन भी कर चुकी है। 17 मार्च 2016 को दिल्ली में विश्व सूफी सम्मेलन हुआ था। इसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए थे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था,सूफीवाद शांति,सह अस्तित्व,करुणा,समानता और वैश्विक भाईचारे का आह्वान है। जब हम अल्लाह के 99 नामों के बारे में सोचते हैं तो उनमें से कोई भी बल और हिंसा से नहीं जुड़ता।
अल्लाह के पहले दो नाम कृपालु और रहमदिल हैं। अल्लाह रहमान और रहीम है। सूफीवाद विविधता और अनेकता का उत्सव है। सितंबर 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी ने अमरीकी चैनल सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा था कि भारत के मुस्लिम देश के लिए जीते हैं और देश के लिए मरते हैं। वे अलकायदा के बहकावे में नहीं आएंगे। अगस्त 2015 में मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने कहा था कि दुनिया के सामने इस्लाम के सही स्वरूप को सही रूप में पहुंचाना जरूरी है।
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