वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 के बजट में एफडीआइ नीति को उदार बनाने संबंधी कुछ घोषणाएं की थीं। सरकार अब उन पर कदम आगे बढ़ाना चाहती है।
नई दिल्ली: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति में हुए सुधार और उसके आंकलन करने के लिए पीएम मोदी शुक्रवार को समीक्षा बैठक करेंगे। समीक्षा बैठक में एफडीआइ के प्रवाह को बढ़ाने की दिशा में कितना काम हो पाया है और क्या रुकावटे और दिक्कतें आ रही है इसकी चर्चा की जाएगी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय देगा प्रजेंटेशन
सूत्र बताते हैं कि बैठक में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एफडीआइ की नीति में हुए अब तक के बदलावों पर प्रजेंटेशन देगा। बैठक में वाणिज्य व उद्योग राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली और डीआइपीपी सचिव रमेश अभिषेक भी हिस्सा लेंगे। बैठक को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सरकार एफडीआइ नीति में अगले चरण के सुधार शुरू करने पर विचार कर रही है। इसके तहत रिटेल और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को और उदार बनाया जाना शामिल है।
दर्जन भर क्षेत्रों में विदेशी निवेश को मंजूरी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2017-18 के बजट में एफडीआइ नीति को उदार बनाने संबंधी कुछ घोषणाएं की थीं। सरकार अब उन पर कदम आगे बढ़ाना चाहती है। इसलिए यह आवश्यक है कि पहले मौजूदा एफडीआइ नीति की समीक्षा करके यह पता लगाया जाए कि इसका कितना लाभ मिला है। पिछले साल ही सरकार ने करीब दर्जन भर क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोला था जिनमें रक्षा उत्पादन, सिविल एविएशन, , न्यूज ब्रॉडकास्टिंग, कंस्ट्रक्शन व डवलपमेंट, प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी, रियल एस्टेट शामिल थे।