सबसे खास बात यह कि इस मामले का मास्टर माइंड अभिनव वर्मा पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने वाली लिस्ट में है
चंडीगढ़। अभी देश में पूरी तरह से दो हजार के नोट पहुंचे भी नहीं है कि इसके नकली नोटों के छापने और इसे बाजार में पहुंचाने का काम चालू हो चुका है। चंडीगढ़ में दो हजार रुपए के नकली नोटों को लेकर अबतक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। एमबीए की पढ़ाई करने वाली विशाखा वर्मा और उसके कजिन अभिनव वर्मा एक विचौलिए के साथ दो हजार के 42 लाख रुपए के नकली नोटों के साथ मोहली से गिरफ्तार किए गए हैं।
एमबीए और बीटेक छात्रों ने किया कारनामा
पुलिस के मुताबिक विशाखा कपूरथला की रहने वाली है। वह मणीपुर से एमबीए कर रही थी। विशाखा का कजिन अभिनव बीटेक का छात्र है और जिकरपुर का रहने वाला है। विशाखा अभिनव के मामा की बेटी है। इन दोनों के साथ गिरफ्तार हुआ तीसरा आदमी सुमन नागपाल लुधियाना का है। सुमन ही विचौलिया था जो नोटों को बाजार में पहुंचाने में मदद करता था। ये लोग नकली नोटों को बदलने पर तीस प्रतिशत चार्ज करते थे। ये तीनों लालबती लगी ऑडी कार से ग्राहक को पैसे देने के लिए जा रहे थे। मोहाली के एसपी परमिंदर सिंह भंडाल ने बताया कि इनके दो साथी अभी भी फरार है।
दो हजार के नोट को स्कैन कर छाप दिए तीन करोड़ के नकली नोट
पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने अबतक तीन करोड़ के दो हजार रुपए के नकली नोट छापे हैं। जिसमें से दो करोड़ को बाजार में चला भी दिए हैं। पुलिस के मुताबिक, दो हजार के नोट को स्कैन कर के छापे गए नकली नोट उच्च क्वालिटी के थे और एकदम असली की तरह भी।
मामले का मास्टर माइंड पीए मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट में
पुलिस ने चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया स्थित इनके ऑफिस से 20 लाख की जाली करंसी सहित, कंप्यूटर, स्कैनर व अन्य सामान भी कब्जे में ले लिया है। सबसे खास बात यह कि इस मामले का मास्टर माइंड अभिनव वर्मा पीएम मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने वाली लिस्ट में है।
क्यों है मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट का हिस्सा
अभिनव ने ब्लाइंड लोगों के लिए एक ऐसी टेक्नीक डेवलप की थी, जिससे उन्हें स्टिक का सहारा नहीं लेना पड़ता। इसे दृष्टिहीन अंगूठी की तरह पहन सकते हैं। इस उपकरण के माध्यम से सामने कोई भी चीज आने पर सैंसर आवाज करता है जिससे ब्लाइंड लोग पहले ही तैयार हो जाते हैं। इसकी खोज के लिए इसका नाम मेक इन इंडिया में चल रहा है। वह लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज कराने की तैयारी कर रहा था।
लेफ्टिनेंट कर्नल का बेटा है अभिनव
21 साल के आरोपी अभिनव के पिता हरियाणा गवर्नमेंट में अच्छे पद पर थे, लेकिन पिछले साल ही उनकी मौत हो गई। अभिनव की मां लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।