मुंबई इमारत हादसा: मेरे दोनों हाथ काट दो भाई, पर जल्दी निकाल लो
Published: Jul 27, 2017 10:38:00 pm
उस बड़े से ढांचे को काटा और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इसी तरह 20 वर्षीय महिला की चीखें सुनकर उसे बचावकर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।
मलबे में दबी जिंदगी की हुई जीत
गौरतलब है कि यह इमारत मंगलवार सुबह ढह गई थी। इस हादसे में 17 लोगों की मौत हुई है। कॉन्स्टेबल संतोष जाधव ने कहा, हम मलबे में बहुत मुश्किल से झाांक सके। प्रज्ञा के दोनों हाथ गिर चुकी दो बड़ी दीवारों से आंशिक रूप से कुचले गए थे, लेकिन हमने उन्हें तसल्ली दी। उस बड़े से ढांचे को काटा और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इसी तरह 20 वर्षीय महिला की
चीखें सुनकर उसे बचावकर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला। एक अन्य कर्मी ने कहा, यह महिला मलबे के भारी ढेर के नीचे दबी थी और दर्द से कराह रही थी।
राजेश दोशी की दर्दनाक कहानी
हमने बड़े खंभों को यह प्रार्थना करते हुए हटाया कि कहीं ये उसके ऊपर न गिर जाएं। इसके बाद हमने उसे बाहर निकाला।
राजेश दोशी ने भी फोन कर बताई थी बेटे को हालत इमारत गिरने की घटना के तुरंत बाद ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के 47 सदस्यीय दल को खोज एवं बचाव अभियान में लगा दिया गया था। ऐसी आपदाओं में बच पाने की एक कहानी राजेश दोशी की है। दोशी की टांगें मलबे में कुचली जा चुकी थीं। उन्होंने इमारत ढहने के कई घंटे बाद अपने बेटे को शाम छह बजे फोन करके अपनी स्थिति बताई, जिसके बाद उन्हें बाहर निकाला गया।