धार्मिक भेदभाव का मुकाबला गांधीगीरी से करेगा मुस्लिम संगठन
मुस्लिम को रोजगार न देने की घटना से व्यथित आईयूएमएल ने घोषणा की कि वह इस मुद्दे का मुकाबला गांधीगीरी से करेगी
मुंबई। एक हिंदू व्यक्ति के मालिकाना हक वाली हीरा निर्यात कंपनी द्वारा एक एमबीए स्नातक युवक को मुस्लिम होने के कारण रोजगार न देने की घटना से व्यथित राजनीतिक संगठन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने शनिवार को घोषणा की कि वह इस मुद्दे का मुकाबला गांधीगीरी से करेगी। उन्होंने कहा कि इससे देश की आर्थिक राजधानी में सांप्रदायिक संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी। आईयूीएमएल के अध्यक्ष परवेज लकड़ावाला ने कहा कि अब हिंदू के स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा एक मुस्लिम युवक को किसी भी आधार पर रोजगार देने से मना करने पर मुस्लिमों के स्वामित्व वाली कंपनियां 10 हिंदुओं को खुशी-खुशी रोजगार देंगी।
लकड़ावाला ने शनिवार को यहां पर संवाददाताओं से कहा, “धार्मिक आधार पर रोजगार का आवेदन खारिज होना धर्मनिरपेक्षता और देश की एकता और अखंडता के लिए बहुत खतरनाक है।” उन्होंने कहा, “यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के संवैधानिक और धार्मिक आधार के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।” इस दौरान उनके साथ ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल (एआईएमसी) के महासचिव एम.ए. खालिद और समुदाय के अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। उन्होंने हरि कृष्णा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी द्वारा मुंबई के कुर्ला इलाके के निवासी मुस्लिय युवक जीशान अली खान के रोजगार आवेदन को खारिज करने के मामले पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, “आवेदक जीशान अपने दो दोस्तों और अन्य आवेदकों की तरह ही एमबीए स्नातक है और उसका आवेदन केवल इस आधार पर खारिज कर दिया गया, क्योंकि वह इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखता है।” लकड़वाला ने कहा कि इस तरह का यह पहला वाकया नहीं है। लेकिन इस बार यह मामला सबूत के साथ सबके सामने आया है और इसका पूरा श्रेय मीडिया और सोशल मीडिया को मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि भविष्य में इसी तरह के भेदभाव को रोकने के लिए वे “समान अवसर आयोग” का गठन करें, तभी उनकी सरकार का नारा “सबका साथ, सबका विकास” अक्षरश: लागू किया जा सकता है। इसी बीच जीशान के साथ आवेदन करने वाले उसके दो दोस्त मुकुंद मणि औप ओमकर बानसोडे ने मामले पर विरोध जताते हुए कंपनी द्वारा दिए गए नौकरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
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