विशाखापत्तनम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समूचे समुद्री क्षेत्र में स्वतंत्र नौवहन की पुरजोर वकालत करते हुए रविवार को कहा कि सभी को शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए टकराव के बजाय परस्पर सहयोग का रास्ता अख्तियार करना चाहिए।
मोदी ने यहां रामकृष्ण बीच पर अंतर्राष्ट्रीय बेडा निरीक्षण आयोजन के तहत नौसेना के एक घंटे से अधिक चले समुद्री तथा हवाई शकित प्रदर्शन का गवाह बनने के बाद यह बात कही। इस शक्ति प्रदर्शन में नौसेना के दोनों विमानवाहक पोतों के साथ साथ सभी युदध पोतों और लड़ाकू विमानों तथा समुद्री कमांडो मारकोस ने अपनी ताकत और करतब दिखाए।
उन्होंने कहा कि सागर दुनिया भर में शांति , सुरक्षा और आर्थिक प्रगति के माध्यम हैं। दुनिया का 90 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्ग से होता है और इसे सुरक्षित तथा मुक्त बनाने के लिए टकराव छोड़कर सभी को सहयोग का रास्ता अपनाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए मिलकर एक फ्रेमवर्क बनाने की जरूरत है और भारत इसके लिए पहल करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि भारत सभी तटवर्ती देशों को एक मंच पर लाने के लिए आगामी अप्रैल में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सम्मेलन का आयोजन करेगा। इसमें सभी देशों की नौसेनाओं के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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