नई दिल्ली। रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन करने वाली सिंधु, साक्षी और दीपा का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। इनसें प्रेरित होकर लोग अब जन्म लेने वाली लड़कियों के नाम इन्हीं के नाम पर रख रहे हैं। हाल ही में एक वाकया जमशेदपुर शहर के एमजीएम अस्पताल में देखने को मिला। यहां पर राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन सोमवार को जन्म लेने वाली चार बेटियों का नाम भी इन्हीं खिलाडिय़ों के नाम पर रखा गया। इन चारों बेटियों को जहां पैदा होते ही विशिष्ट पहचान नंबर आधार मिल गया, वहीं इनके माता-पिता ने शपथ ली कि वह अपनी बेटियों को बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, पहलवान साक्षी मलिक, जिम्नास्ट दीपा कर्माकर और तीरंदाजी की चैंपियन दीपिका कुमारी जैसी बनाएंगी।
बना पंजीयन का रिकॉर्ड
गालूडीह के महेश सिंह की पत्नी अनीता सिंह ने 2.30 पर अपनी बेटी को जन्म दिया। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक के नाम पर इसका नाम साक्षी सिंह रखा गया। महेश सिंह ने प्रतिज्ञा ली कि वह अपनी बेटी साक्षी को पहलवान बनाएंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि उनकी बेटी महिला कुश्ती की बुलंद तस्वीर बने। इसके साथ साक्षी के साथ एक और रिकॉर्ड तब जुड़ा जब सवा घंटे की उम्र में ही उसका आधार पंजीकरण कर दिया गया। दोपहर 3.46 बजे साक्षी का आधार पंजीकरण कर दिया गया। टेल्को के बिरसानगर निवासी शिबू कर्मकार ने भी दोपहर बाद पैदा हुई अपनी बेटी का नाम रियो ओलंपिक पदक विजेता दीपा कर्मकार के नाम पर दीपा कर्मकार रखा। दीपा कर्मकार का भी आधार पंजीकरण उसके पैदा होने के डेढ़ घंटे के अंदर कर दिया गया। सरायकेला के मनोज कुमार दास ने फौरन जन्म लेने वाली अपनी बेटी का नाम रियो ओलंपिक में बैडमिंटन का रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधू के नाम पर सिंधू कुमारी रखा। इस नवजात बच्ची का भी आधार उसके पैदा होने के पौने दो घंटे के अंदर पंजीकृत कर दिया गया है। बोड़ाम ब्लॉक के मिर्जाडीह गांव के समीर तंतूबाई ने अपनी नवजात बेटी का नाम जमशेदपुर की तीरंदाज चैंपियन दीपिका कुमारी के नाम पर रखा। समीर तंतूबाई डिमना पार्किंग में सुरक्षा गार्ड है। समीर का सपना है कि उसकी बेटी ओलंपिक में तीरंदाजी का स्वर्ण जीते। समीर ने कहा कि वह अपनी बेटी को तीरंदाजी का चैंपियन बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगा।
मेरी बेटी, मेरी पहचान का है अभियान
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के उपसमाहर्ता व जिला जनसंपर्क अधिकारी संजय पांडेय मेरी बेटी, मेरी पहचान नामक अभियान चला रहे हैं। इसी के तहत संजय अपनी तकनीकी टीम लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंचे और यहां चार नवजात बेटियों का आधार पंजीकरण उनके जन्म के डेढ़ घंटे के अंदर ही कराया। एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक विजय शंकर दास ने इस अभियान में सहयोग करते हुए जन्म लेने वाली बेटियों का जन्म प्रमाण पत्र फौरन उपलब्ध कराया ताकि उनका आधार पंजीकरण आसानी से हो सके।
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