31 जुलाई तक गैरसरकारी संगठनों को देना होगा संपत्ति का ब्योरा
Published: Jul 24, 2016 11:37:00 pm
अधिकारी ने बताया कि इनकी घोषणा केंद्र सरकार के संबंधित विभाग को यह बताते हुए करनी होगी कि उन्हें कितना चंदा मिला
नई दिल्ली। एक तय सीमा तक देश-विदेश से चंदा पाने वाले सभी गैर सरकारी संगठनों और उनके अधिकारियों को 31 जुलाई तक अपनी संपत्ति का ब्योरा देने को कहा गया है। केंद्र ने पिछले साल एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सरकार से एक करोड़ तक अनुदान और विदेशों से दस लाख तक चंदा लेने वाले गैर सरकारी संगठनों को लोकपाल के
दायरे में लाया जाए। उस आदेश के बाद ही यह नया आदेश आया है।
कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से वित्त पोषित एवं एक करोड़ से अधिक की सालाना आय वाली सभी सोसाइटी, एसोसिएशन या न्यास (चाहे वे किसी कानून के तहत पंजीकृत हो या नहीं) उनके निदेशक, प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी को देनदारी का ब्योरा देना ही होगा।
अधिकारी ने बताया कि इनकी घोषणा केंद्र सरकार के संबंधित विभाग को यह बताते हुए करनी होगी कि उन्हें कितना चंदा मिला। अगर गैर सरकारी को विदेशी चंदा दस लाख से ज्यादा मिलता है तो इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को देनी होगी।
अधिकारी ने आगे बताया कि केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है कि गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी लोकसेवक हैं और उन्हें अपनी पत्नी/पति और बच्चों की संपत्तियों का ब्योरा केंद्र के संबंधित विभाग के समक्ष 31 जुलाई देना होगा।
लोकपाल और लोकायुक्त एक्ट, 2013 में शामिल किए गए नियमों के मुताबिक, सभी लोकसेवकों को अपनी संपत्तियों का ब्योरा प्रत्येक वित्तीय वर्ष को 31 मार्च या फिर 31 जुलाई तक हर हाल में देना होगा। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए रिटर्न 31 जुलाई तक भरना है। गैर सरकारी संगठनों के अलावा सभी केंद्रीय कर्मचारियों को भी 31 जुलाई तक अपना रिटर्न भरना
होगा।
हालांकि, सरकार के इस फैसले का गैर सरकारी संगठन विरोध कर रहे हैं।