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सियाचिन से सैनिकों को नहीं हटाएगी सेना, पाक का प्रस्ताव खारिज

Published: Feb 12, 2016 06:47:00 pm

भारतीय सेना ने शुक्रवार को पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वह जब तक सियाचिन में भारतीय सेना की वास्तविक स्थिति को मान्यता नहीं देगा, तब तक वहां से सैनिकों को हटाने का सवाल ही नहीं उठता।

withdrawing troops from siachen

withdrawing troops from siachen

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से आपसी सहमति से सैनिकों को हटाने के पाकिस्तान के प्रस्ताव को भारतीय सेना ने खारिज कर दिया है। भारतीय सेना ने शुक्रवार को पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वह जब तक सियाचिन में भारतीय सेना की वास्तविक स्थिति को मान्यता नहीं देगा, तब तक वहां से सैनिकों को हटाने का सवाल ही नहीं उठता।

सेना हटाने का कोई सवाल ही नहीं
सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख डी. एस. हुड्डा ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि सियाचिन में जब तक भारत के दावे को पाकिस्तान की ओर से मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक वहां से सैनिकों को हटाने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि सियाचिन से अभी सेना हटाने की कोई वजह नहीं दिखती है। अपनी सीमाओं की रक्षा को लेकर हम बिल्कुल स्पष्ट और दृढ संकल्प हैं।

भारतीय सेना को देनी होगी मान्यता
उन्होंने कहा कि इस सदंर्भ में स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। अगर सेना को हटाने को लेकर बातचीत करनी है, तो इससे पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा, जहां भारतीय जवान तैनात हैं, को मान्यता देनी होगी। और यह दोनों पक्षों को मान्य होना चाहिए। अभी तक यह कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए सेना को हटाने का कोई कारण नहीं है।

पाक ने सियाचिन से सैनिक हटाने को कहा था
पाकिस्तान ने पिछले दिनों कहा था कि सियाचिन से आपसी सहमति से जवानों को हटाकर उसके तथा भारत के बीच सियाचिन मुद्दे का तत्काल समाधान निकालने का समय आ गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्लैशियर पर विषम हालात के कारण और जानें नहीं जाएं।

सैनिकों की मौत के कारण दिया था प्रस्ताव
सियाचिन में भारत के 10 जवानों के शहीद होने की घटना पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने वहां से जवानों को हटाने की पेशकश की थी। बासित ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में नवाज शरीफ द्वारा सियाचिन से जवानों को आपसी सहमति से हटाने के प्रस्ताव के संदर्भ में कहा कि ये हादसे बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीकों से जल्दी इस मसले के समाधान की जरूरत पर बल देते हैं। बासित ने कहा कि इसलिए हमें मजबूती से लगता है कि यह सुनिश्चित करने का समय आ गया है कि सियाचिन में विषम परिस्थितियों के कारण और जानें नहीं जाएं।
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