राजद्रोह के आरोप में जेल में बंद हैं पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, कहा था, “दो-चार पुलिसवालों को मार देना, लेकिन खुदकुशी मत करना”
गांधीनगर। पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट ने राहत नहीं दी है। कोर्ट ने अपने खिलाफ लगे देशद्रोह के केस को हटाने की उनकी याचिका खारिज कर दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी। कोर्ट ने गुजरात पुलिस को डेढ़ महीने में जांच पूरी करने का आदेश दिया है। वहीं हार्दिक के परिजनों की ओर से दाखिल याचिका में भी इसी डेढ़ महीने के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि उसे बताए बिना चार्जशीट दाखिल न करें। हार्दिक को इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी।
गौरतलब है कि हार्दिक ने 3 अक्टूबर को विपुल देसाई नाम के एक लड़के ने खुदकुशी करने की धमकी दी थी। इस पर हार्दिक ने कहा था कि दो-चार पुलिसवालों को मार देना, लेकिन खुदकुशी मत करना। बाद में इस बयान का वीडियो भी वायरल हो गया था. हार्दिक फिलहाल सूरत जेल में बंद है।
आपको बता दें कि गुजरात में कांग्रेस पटेलों को ओबीसी में शामिल करने की मांग का समर्थन नहीं कर रही लेकिन उन्हें कानूनी मदद देने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। गुजरात हाई कोर्ट ने सूरत पुलिस को थप्पड़ मारने के आरोप में हार्दिक पटेल पर चल रहे देशद्रोह का मामला खत्म करने से इनकार कर दिया था। इस मामले में कपिल सिब्बल ने हार्दिक पर रहमदिली दिखाते हुए अपनी वकालत की पेशकश की है। गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात कांग्रेस लीगल सेल के चीफ बीएम मंगुकिया भी हार्दिक की मदद का ऑफर रख चुके हैं।