लखनऊ। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने केजरीवाल की याचिका को सोमवार को ख़ारिज करते हुए कहा कि ऐसा कोई पर्याप्त आधार नहीं है, जिससे निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप किया जा सके।
न्यायमूर्ति ए एन मित्तल की अदालत ने अरविन्द केजरीवाल व अन्य की ओर से दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया। याची ने याचिका दायर कर निचली अदालत के तलबी आदेश को चुनौती दी थी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गौरीगंज में सरकार से अनुमति लिए बिना सभा व प्रदर्शन करने के मामले में एफ आईआर दर्ज करायी गई थी।
अरविन्द केजरीवाल व कुमार विश्वास की ओर से अधिवक्ता ओमकार पाण्डेय ने याचिका दायर कर सुल्तानपुर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के तलबी आदेश को चुनौती दी थी। गौरतलब है कि कि 20 अप्रैल 2014 को गौरीगंज में सभा की गई थी जिसमें शासन से इजाजत नहीं ली गई थी।
इस मामले में जगप्रसाद मौर्य ने अरविन्द केजरीवाल व कुमार विश्वास तथा दो अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इस मामले में सुल्तानपुर जिले के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गत सात अक्टूबर को अरविन्द केजरीवाल व कुमार विश्वास तथा अन्य को अदालत में उपस्थित होने के आदेश दिए थे।
राज्य सरकार की और से याचिका का कड़ा विरोध करते हुए अपर शासकीय अधिवक्ता शिव नाथ तिलहरी ने अदालत को बताया कि निचली अदालत का तलबी आदेश कानूनी रूप से ठीक है। कहा गया कि याचिका में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाये जाने का पर्याप्त आधार नहीं है। न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए याचिका नामंजूर कर दी।
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