सेंट्रल बैंक करेंसी नोट की सप्लाई कम करेगा और आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देगा
मुंबई। रिजर्व बैंक और सरकार नहीं चाहते कि आप फिर से कैश जमा करने की पुरानी आदत पर चलने लगें। आरबीआई सिस्टम में कितना कैश रखना चाहता है तो इसके लिए 23 जून 2016 को आई ‘पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स इन इंडिया: विजन 2018’ रिपोर्ट में लिखा है कि ‘आरबीआई समाज के सभी वर्गों के बीच इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट्स को बढ़ावा देना चाहता है ताकि देश को ‘कैशलेस सोसायटी’ में बदला जा सके।
इसमें यह भी लिखा है कि सेंट्रल बैंक करेंसी नोट की सप्लाई कम करेगा और आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देगा। 8 नवंबर की नोटबंदी से पहले सिस्टम में जितना कैश था, अब यह उससे काफी कम रहेगा। डी-मॉनेटाइजेशन से पहले 17.6 लाख करोड़ करेंसी होने का अनुमान था। आगे चलकर इससे एक तिहाई कैश रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
7 दिसंबर तक सामान्य होगी कैश सप्लाई
उधर, रिजर्व बैंक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगले एक हफ्ते तक में यानी 7 दिसंबर तक रिजर्व बैंक ने कैश सप्लाई सामान्य कर देने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए 500 रुपए के नोट आरबीआई ज्यादा छापेगी। गौरतलब है कि पहले ही बैंक दो तिहाई से ज्यादा एटीएम कैलीब्रेट कर चुके हैं। उधर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तमाम दावों के बाद भी बैंकों और एटीएम के बाहर कतार कम होने का नाम नहीं ले रही। बैंकों के बाहर कतार में लगे में लोग बताते हैं कि सुबह से लाइन में लगने के बाद बैंक के कर्मचारी 10 बजे टोकन बांट देते हैं। आम तौर पर 100 लोगों को टोकन मिलता है, लेकिन प्रतिदिन इन 100 लोगों को भी कैश मिलने की गारंटी नहीं होती।