बिक्री में कमी के चलते कंपनियां उठा रही हैं कदम, प्लांट बंद होने के दौरान होंगे मेंटेनेंस के कार्य
मुंबई। नए साल से पहले कार कंपनियों की बिक्री यूं भी सुस्त पड़ जाती है। इस साल उन पर नोटबंदी की मार भी पड़ी है। इससे कार कंपनियों के पास बड़ा स्टॉक जमा हो गया है। ऐसे में करीब आधा दर्जन ऑटो कंपनियां प्लांट बंद करने की तैयारी कर रही हैं। इस बीच वे इनमें मेंटेनेंस का काम करेंगी। मारुति सुजुकी, ह्यूंदै मोटर इंडिया, होंडा कार्स इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फोर्ड इंडिया और रेनॉ निसान ने हफ्ते भर से लेकर 15 दिनों तक प्लांट बंद करने की योजना बनाई है।
मारुति और ह्यूंदै ने पहले से प्लांट बंद करने की तैयारी की थी, लेकिन होंडा कार्स इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने स्टॉक कम करने के लिए यूनिट बंद करने का फैसला किया है। होंडा कार्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योचिरो उयेनो ने कहा कि मार्केट में आए हालिया बदलाव को देखते हुए हम इस महीने अपने दोनों प्लांट्स में काम बंद करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया सेल्स के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया है। हम बाजार की मौजूदा हालत को देखकर प्रोडक्शन को ठीक कर रहे हैं।
इसी तरह बोलेरो और स्कॉर्पियो जैसी गाडि़यां बनाने वाली महिंद्रा भी इनवेंटरी मैनेजमेंट में जुट गई है। कंपनी ने 3 दिसंबर से हफ्ते भर के लिए अपने चाकन और हरिद्वार प्लांट को बंद रखा था। वह नासिक प्लांट में भी एक ही शिफ्ट में काम कर रही थी। क्रिसमस के बाद महिंद्रा एक हफ्ते के लिए अपने सभी प्लांट बंद कर सकती है। इस दौरान वह इनमें मेंटेनेंस का काम करेगी। महिंद्रा के प्लान के बारे में जो लोग जानते हैं, उन्होंने बताया पहले के अनुमान से दिसंबर में कंपनी का वॉल्यूम 30 प्रतिशत कम हुआ है।
अमरीकी कार कंपनी फोर्ड इंडिया चेन्नई प्लांट को नई इकोस्पोर्ट को अपडेट करने लायक बनाएगी। वह इसके लिए 18 दिसंबर से 5 जनवरी तक इस प्लांट को बंद कर सकती है। हालांकि कंपनी के प्रवक्ता ने बताया प्लांट बंद करने की वजह नोटबंदी के चलते सेल्स में आई गिरावट नहीं है। उन्होंने कहा यह रेग्युलर मेंटेनेंस के लिए किया जा रहा है। हम सालाना प्रोडक्शन की योजना पहले ही बना लेते हैं और उस पर टिके रहते हैं। हालांकि उन्होंने यह माना कि नोटबंदी का फोर्ड इंडिया के बिजनेस पर बुरा असर पड़ा है।
प्रवक्ता ने कहा इसका असर असर 10 दिनों के बाद ही पता चलेगा, तब तक एजेंसी में माल खत्म होने की उम्मीद है। उधर मारुति, ह्यूंदै, टाटा मोटर्स, टोयोटा और रेनॉ के नए मॉडलों की मांग मजबूत बनी हुई है। इसलिए ये कंपनियां अपने प्लांट्स में पहले की योजना के मुताबिक काम कर रही हैं। वहीं फोक्सवैगन, निसान और जनरल मोटर्स की गाडि़यों की विदेशी बाजार में अच्छी मांग है। इसलिए उन्होंने डोमेस्टिक सेल्स में कमी आने के बावजूद प्रोडक्शन प्लान मेंटेन रखा है।