scriptआपको पता है रेलवे अब एसी कोच में नहीं देगा कंबल, जानिए क्यों | Railway will not give blanket in the AC coach | Patrika News

आपको पता है रेलवे अब एसी कोच में नहीं देगा कंबल, जानिए क्यों

Published: Jul 29, 2017 04:46:00 pm

Submitted by:

Iftekhar

रेल मंत्रालय अब ट्रेन के एसी डिब्बों में कंबल पूरी तरह से बंद करने की सोच रहा है। इसके अलावा ट्रेन के कोच में एसी का तापमान 19 डिग्री से बढ़ाकर 24 डिग्री करने पर भी विचार चल रहा है।

blanket in ac coach

blanket in ac coach

नई दिल्ली: ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबल की साफ-सफाई को लेकर CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) के सवाल उठाए जाने के बाद रेलवे हरकत में आ गया है। रेल मंत्रालय अब ट्रेन के एसी डिब्बों में कंबल पूरी तरह से बंद करने की सोच रहा है। इसके अलावा ट्रेन के कोच में एसी का तापमान 19 डिग्री से बढ़ाकर 24 डिग्री करने पर भी विचार चल रहा है। रेलवे एक कंबल की धुलाई पर 55 रु खर्च करता है जबकि यात्रियों से 22 रु ही लिए जाते हैं।

कंबल बंद करने पर चल रहा है विचार 
मामले की जानकारी रखने वाले रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि कंबल की धुलाई के लिए खादी इंडिया से बातचीत चल रही है, लेकिन एक कंबल की धुलाई पर 110 रुपए का खर्च आ रहा है। इसलिए कंबल नहीं देने पर विचार किया जा रहा है।

इन दो विकल्पों पर भी हो रहा है विचार
सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्रालय 2 विकल्पों पर विचार कर रहा है। पहले विकल्प में ट्रेनों में एसी डिब्बों का तापमान बढ़ाया जा सकता है। औसतन तापमान 19 डिग्री से बढ़ाकर 24 किया जा सकता है। तापमान बढ़ने पर कंबल देने की जरूरत नहीं रहेगी। वहीं, दूसरे विकल्प में कंबल की जगह कवर दिया जा सकता है। कंबल के मुकाबले कवर की धुलाई आसान और सस्ती है। शुरुआत में कोई भी योजना लागू करने से पहले उसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुनिंदा ट्रेनों में लागू किया जाएगा। इसके बाद योजना के कामयाब होने पर सभी ट्रेनों में नई पॉलिसी को लागू किया जाएगा।

ट्रेन में मिलने वाले कंबल तीन साल से नहीं धुले- कैग रिपोर्ट
कैग की हालिया रिपोर्ट में कंबल की सफाई को लेकर शिकायतों को देखते हुए रेलवे की कंबल को लेकर कुछ कदम उठाने की संभावना पहले ही बन रही थी। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार कई जगह ट्रेन में मिलने वाले कंबलों को 3 साल तक नहीं धोया गया है। रेलवे की मौजूदा व्यवस्था में ट्रेन में एसी कोच में सफर करने पर आपको तकिया, बेडशीट और कंबल मिलता है।

33 कोचिंग डिपो में किया गया रिव्यू
सीएजी ने 33 चयनित कोचिंग डिपो में रिव्यू पीरियड के दौरान कंबलों की संख्या और धुले हुए कंबल की संख्या के डाटा का अध्ययन किया। यह अध्ययन 2012-13 से 2015-16 के दौरान इस्तेमाल किए गए कंबलों पर किया गया। कैग ने अपने अध्ययन में पाया कि 9 क्षेत्रीय रेलवे के 14 चुने गए कोचिंग डिपो में कोई कंबल ड्राइ वॉश नहीं किया गया था। इसके अतिरिक्त पांच क्षेत्रीय रेलवे के 7 डिपो को छोड़कर किसी भी चुने गए डिपो में लिनेन की सफाई नहीं की गई थी।

कंबल तो छोड़ो तकिये भी नहीं धुले
यह तो हुई कंबल की बात अब बात करते हैं रेलवे में मिलने वाले तकिए की धुलाई और सफाई की। मार्च 2016 में रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिए कि तकियों की धुलाई प्रत्येक 6 महीने या जरूरत पड़ने पर पहले भी कम से कम एक बार की जानी चाहिए ताकि प्रत्येक यात्री को साफ तकिये उपलब्ध कराए जा सकें। मार्च 2016 से पहले तकिये की धुलाई के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए गए थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो