केंद्र सरकार अमरीका और ब्रिटेन की तर्ज पर देश में पहली बार ‘टाइम यूज सर्वे’ कराने की तैयारी कर रही है। इसमें लोगों से पूछा जाएगा कि वे अपने समय का उपयोग किस-किस काम में करते हैं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अमरीका और ब्रिटेन की तर्ज पर देश में पहली बार ‘टाइम यूज सर्वे’ कराने की तैयारी कर रही है। इसमें लोगों से पूछा जाएगा कि वे अपने समय का उपयोग किस-किस काम में करते हैं। आने वाले समय में कोई केंद्र सरकार का कर्मचारी आपके घर आएगा और पूछेगा कि श्रीमान, आप आजकल कैसे दिन बिता रहे हैं। दिन भर में क्या-क्या काम कर रहे हैं और किस काम में कितना समय खर्च कर रहे हैं, सबसे ज्यादा समय किस काम को करने में खर्च कर रहे हैं।
अमरीका और ब्रिटेन में होते हैं इस तरह के सर्वेक्षण
बता दें कि इस तरह के सर्वेक्षण अमरीका और ब्रिटेन में होते हैं। ब्रिटेन में वर्ष 2000-01 और 2014-15 में इस तरह का सर्वेक्षण किया गया था। इसमें नागरिकों से पूछा गया था कि उन्होंने विभिन्न गतिविधियों पर कितना समय खर्च किया और दिनभर के समय का इस्तेमाल कैसे करते हैं।
पनगड़िया समिति फोर्स की सिफारिश
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिय़ा की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति ने सरकार से यह सर्वे कराने की सिफारिश की है। पनगडिय़ा की अध्यक्षता वाली जिस टास्क फोर्स ने यह सर्वेक्षण कराने की सिफारिश की है, सरकार ने उसका गठन रोजगार के आंकड़े जुटाने की उपयुक्त विधि सुझाने को किया था। पनगडिय़ा ने यह सिफारिश पीएमओ को दिए एक प्रजेंटेशन में की है। बताया जाता है कि पीएमओ को यह सिफारिश पसंद आई है ।
2003 से अमरीका में चल रहा यह सर्वे
इस सर्वे से पता चलता है कि नौकरी या रोजगार पर लोग कितना समय व्यतीत करते हैं जबकि घरेलू कार्यों जैसे बच्चों की देखभाल पर कितना समय लगाते हैं। अमरीका में यह सर्वे 2003 से किया जा रहा है। वहां पर यह सर्वेक्षण बीएलएस यानी ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिस्टिक्स कराता है। बीएलएस के लिए यह सर्वेक्षण अमरीका का सेंसस ब्यूरो करता है।
एनएसएसओ करेगा सर्वे
सूत्रों ने संभावना जताई है कि भारत में यह सर्वे नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन करेगा। यह फिलहाल पारिवारिक सर्वेक्षण करता है और रोजगार व पारिवारिक व्यय के संबंध में भी आंकड़े जुटाता है।