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ऑनलाइन शॉपिंग: बिना क्रेडिट कार्ड करें ईएमआई पर खरीदारी

Published: May 06, 2016 05:16:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

अब ऐसे स्टार्टअप्स शुरू हो गए हैं जो बिना क्रेडिट कार्ड वाले मध्यमवर्गीय
कस्टमर्स को ऑनलाइन साइट्स से ईएमआई पर खरीदारी की सुविधा देते हैं

Online Shopping Without EMI

Online Shopping Without EMI

नई दिल्ली। अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है और ईएमआई पर शॉपिंग करना चाहते हैं तो कोई बात नहीं। अब ऐसे स्टार्टअप्स शुरू हो गए हैं जो बिना क्रेडिट कार्ड वाले मध्यमवर्गीय कस्टमर्स को ऑनलाइन साइट्स से ईएमआई पर खरीदारी की सुविधा देते हैं। युवाओं में ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढऩे के साथ ईएमआई पर शॉपिंग करने का चलन भी बढ़ा है।

भारत में करीब 35 फीसदी ऑनलाइन खरीदारी ईएमआई सहित अन्य फाइनेंशियल स्कीमों के तहत होती है। लेकिन दिक्कत यह थी कि ईएमआई पर वही लोग शॉपिंग कर सकते थे जिनके पास किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी स्टार्टअप कैशकेयर के साथ बड्डी और बजाज फिनसर्व कस्टमर्स को बिना क्रेडिट कार्ड के भी ऑनवलाइन शॉपिंग का ऑप्शन देती हैं।

कैशकेयर के फाउंडर विकास शेखरी का कहना है कि 22 से 28 साल के युवा जिनकी सैलरी 15 से 40 हजार के बीच है, उनमें सिर्फ 5 फीसदी के पास ही क्रेडिट कार्ड है। जबकि सबसे ज्यादा शॉपिंग यही वर्ग करता है। ऐसे में उन्हें एकमुश्त पैसे देकर या किसी बैंक से लोन लेकर टीवी, फ्रिज, जैसे कंज्यूमर प्रोडक्ट्स खरीदने के होते हैं। इनकी ब्याज दर तो अधिक होती ही है, लोन पास कराना भी मुश्किल होता है। ऐसे मध्य आय वाले युवाओं को ध्यान में रखकर ईएमआई पर शॉपिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ये फाइनेंशियल स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं। ये स्टार्टअप्स बिना किसी क्रेडिट कार्ड के लोगों को ईएमआई पर खरीदारी करने का ऑप्शन देती हैं साथ ही मार्केट से कम ब्याज दर पर यह सुविधा मुहैया कराती हैं।

ये सुविधाएं मिलती हैं
10 हजार से डेढ़ लाख तक की खरीदारी पर 3,6,9, और 12 महीने की किस्तों में चुकाने की सुविधा कस्टमर्स को मिलती है। ईएमआई पर ब्याज दर 0 से 24 परसेंट हो सकता है। अगर आप क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते हैं तो भी आपको 20 से 24 फीसदी की दर से ब्याज चुकाना होता है।

ऐसे करता है काम
कस्टमर को सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पैन कार्ड, सैलरी स्लिप और जिस कंपनी में काम करते हैं उसका ब्योरा, अगर नौकरी नहीं करते तो बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराना होता है। ग्राहकों की शॉपिंग हिस्ट्री, सोशल मीडिया, बैंक स्टेटमेंट आदि का आकलन कर कैशकेयर कुछ मिनटों में ही रियल टाइम बेसिस पर फैसला कर लेती हैं कि कस्टमर को ईएमआई की सुविधा मिलेगी या नहीं।

हैं कई क्लायंट्स
ईएमआई फैसिलिटी उपलब्ध कराने के लिए कैशकेयर ने शॉपक्लूज, मेक माई ट्रिप जैसी दर्जनों ई-कॉमर्स कंपनियों से करार किया है। फ्लिपकार्ट व स्नैपडील जैसी कंपनियों से भी ये स्टार्टअप्स करार कर रहे हैं।
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