मुंबई हमले के बाद आकाओं ने उससे कहा था कि जकी उर रहमान लखवी और हाफिज सईद के खिलाफ कुछ नहीं होगा
मुंबई । 26/11 मुंबई हमले पर पाकिस्तान की जांच की पोल खोलते हुए आतंकी डेविड हेडली ने कहा कि उसे बताया गया था कि जांच की कार्रवाई महज दिखावा है। पाक मूल के अमरीकी आतंकी ने विशेष अदालत को बताया कि मुंबई हमले के बाद आकाओं ने उससे कहा था कि जकी उर रहमान लखवी और हाफिज सईद के खिलाफ कुछ नहीं होगा। पाकिस्तानी संघीय जांच एजेंसी की कार्रवाई दिखावटी है।
ईमेल का भी किया खुलासा
लश्कर आतंकी हेडली ने उसके और साजिद मीर के बीच हुई ईमेल का भी खुलासा किया। हेडली ने कहा कि दोनों के बीच 3 जुलाई, 2009 से 11 सितम्बर, 2009 तक ईमेल का आदान-प्रदान हुआ। मीर ने उसके ईमेलों के जवाब में कहा था कि लखवी सकुशल है। हेडली ने अदालत को बताया कि पहले लश्कर और बाद में अलकायदा में शामिल होने वाले पाकिस्तानी सेना के पूर्व मेजर अब्दुल रहमान पाशा ने भी उसे बताया था कि लखवी, हाफिज सईद और लश्कर के अन्य सदस्यों के खिलाफ पाकिस्तान में जांच महज दिखावटी है। मीर ने मुंबई धमाके के आठ महीने बाद हेडली को भेजे ईमेल में कहा था कि वह भारत में और धमाके करना चाहता है। भविष्य में धमाकों के लिए मीर ने जगह चिह्नित करने को कहा था।
सकुशल हैं बूढ़े चाचा व जवान चाचा
हेडली और मीर ने ईमेलों में कोड का इस्तेमाल करते हुए हाफिज सईद को बूढ़े चाचा और जकी को जवान चाचा कहा था। हेडली ने एक मेल में मीर से पूछा था, ‘क्या बूढ़े चाचा (हाफिज) भी जांच के दायरे में हैं? मीर ने जवाब में कहा था कि बूढ़ा चाचा सकुशल है। वह अफवाहों पर ध्यान न दे। उसने कहा था कि जवान चाचा (जकी) भी सकुशल है और वह ऊंची उड़ान उड़ रहा है।
हमले से खुश था राणा
हेडली ने मुंबई हमले के बाद तहव्वुर राणा से अमरीका के शिकागो में मुलाकात की थी। तहव्वुर हमले से काफी खुश था। उसने 8 जुलाई 2009 को एक मेल राणा को किया था, जिसमें मामला शांत होने का जिक्र था।
सेना में बनाना चाहता था जासूस
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के नापाक इरादों का खुलासा करते हुए डेविड हेडली ने बताया है कि उसे भारतीय सेना से जासूस बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पाकिस्तानी मूल के अमरीकी आतंकी हेडली ने शनिवार को गवाही देते हुए कहा कि इस सिलसिले में वह 2009 में पुणे स्थित सेना के सदर्न कमांड हेडक्वार्टर भी गया था। उसने बताया कि आईएसआई के मेजर इकबाल ने उसे यह काम करने के लिए कहा था। आईएसआई भारतीय सेना की गुप्त सूचनाएं हासिल करना चाहती थी।