ISI के साथ मिलकर पाक सेना ने रची भारत के खिलाफ साजिश
Published: Jun 24, 2016 11:45:00 am
सूत्रों के मुताबिक घुसपैठ करने वाले आतंकियों को स्पष्ट
निर्देश दिए गए हैं कि वे सेना के शिविरों, काफिलों, थानों और
सुरक्षा एजेंसियों के शिविरों पर हमला करें
नई दिल्ली। भारत में आतंकी घुसपैठ कराने और फिर हमलों को अंजाम देने की पाकिस्तानी सेना की साजिश का खुलासा हुआ है। आईएसआई की मदद से पाकिस्तानी सेना दोनों देशों की शांति को भंग करने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर से घुसपैठ करने वाले आतंकियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सेना के शिविरों,सेना के काफिलों,पुलिस थानों और सुरक्षा एजेंसियों के शिविरों पर हमला करें। इस खुलासे से पाक सेना और आईएसआई का नापाक प्लान बेनकाब हो गया है। खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया और चौकसी बढ़ा दी है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी सेना भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने की फिराक में है। वह विशेषकर जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना चाहती है। उनके निशाने पर सेना के कैंप,थाने और सैन्य शिवर हैं। सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में घुसपैठ कराकर पाक सेना शांति प्रक्रिया में रोड़े अटका रही है।
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आईएसआई लगातार बड़ी संख्या में जम्मू कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश कर रही है। इसके पीछे उसका मदसद कश्मीर को निरंतर टारगेट करना है ताकि इस मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोर शोर से उठाया जा सके। इसी के चलते आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा की आतंकी गतिविधियां फिर से
काफी बढ़ गई है। पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के मुताबिक ये आतंकी संगठन उनकी रणनीतियों में फिट बैठते हैं। बीते कुछ महीने में ये देखने को मिला है कि जम्मू कश्मीर में घुसपैठ की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है। हर बार आतंकी सेना के काफिले और पुलिस थानों को निशाना बना रहे हैं।
सीमा सुरक्षा बल ने बीते दिनों कहा था कि उसने भारत-पाक सीमा पर कहीं से भी घुसपैठ की कोशिश नाकाम करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं और इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए स्मार्ट गैजेट और टुकडिय़ां तैनात की है। बीएसएफ महानिदेशक केके शर्मा ने कहा था कि यह सही है कि आतंकी सीमा पर सभी जगह जमा हैं और वे नियमित तौर पर घुसपैठ की कोशिश करते हैं और हमारे देश में आ जाते हैं। हमने बहुत पुख्ता इंतजाम किए हैं और इस तरह के प्रयास को विफल कर दिया जाएगा।
आतंकी समूहों में शामिल हो रहे घाटी के युवा,सुरक्षा एजेंसियां चिंतित
जम्मू कश्मीर में हाल में ज्यादा संख्या में युवाओं के आतंकी समूहों में शामिल होने को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चिंतित है। उन्होंने इस प्रवृति पर रोक के लिए जल्द कदम उठाए जाने को कहा है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय युवाओं के अधिक संख्या में भर्ती होने और आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में इजाफा चिंता के विषय हैं। इसका हल निकालने के लिए केन्द्र और जम्मू कश्मीर सरकार साथ मिलकर काम कर रही है। कश्मीर घाटी में युवाओं को चरमपंथ से रोकने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए जाने की संभावना है।
अधिकारियों ने इस साल स्थानीय भर्ती के संबंध में कोई आंकड़ा तो नहीं दिया लेकिन खुफिया एजेंसियों की विभिन्न रिपोर्टों में दावा किया गया है कि करीब 20 युवाओं के आतंकी समूहों में शामिल होने का संदेह है। इनमें से अधिकतर के हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने का संदेह है। अधिकारियों के मुताबिक राज्य में आतंकवाद से संबंधित हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और इसका मुख्य कारण घाटी में नियंत्रण रेखा के पास से बढ़ती घुसपैठ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फ के जल्दी पिघलने के कारण सीमा पार से घुसपैठ में बढ़ोतरी हुई है।