scriptबासमती चावल मामले में भारत को पीछे नहीं छोड़ पाया पाकिस्तान | Pakistan lost its battle for Basmati rice in Intellectual Property Appellate Board in India | Patrika News
विविध भारत

बासमती चावल मामले में भारत को पीछे नहीं छोड़ पाया पाकिस्तान

पाकिस्तान में लाहौर स्थित बीजीए ने भारतीय संस्था कृषि और एपीडा के ऐप्लिकेशन को चुनौती देने के लिए आईपीएबी का रुख किया था

Feb 07, 2016 / 03:29 pm

पुनीत पाराशर

basmati rice

basmati rice

चन्नई। बासमती चावल के मामले में भारत को पीछे छोडऩे की पाकिस्तान की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। आईपीएबी ने उसके बासमती चावल को जीआई टैग देने की अपील खारिज कर दी है और जो अब भारत को मिल सकता है।

मालूम हो कि पाकिस्तान में लाहौर स्थित बासमती ग्रोवर्स असोसिएशन (बीजीए) ने भारतीय संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के ऐप्लिकेशन को चुनौती देने के लिए इंटलेक्चुुअल प्रॉपर्टी अपीलेट बोर्ड (आईपीएबी) का रुख किया था। लेकिन, शुक्रवार को आईपीएबी ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि बीजीए नियमों का पालन करने में असफल रहा है। इससे पहले बीजीए ने भारत की बासमती को समग्रता में जीआई टैग दिए जाने का विरोध किया था। उसका कहना था कि चेन्नै में जीआई के असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने मध्यप्रदेश के क्षेत्रों में उपजाए जाने वाले चावल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे।

कैसे दिया जाता है जीआई टैग
भारत की ओर से एपीडा ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड आदि 7 राज्यों में उगाए जाने वाले बासमती चावल के लिए जीआई टैग की मांग की थी। उम्मीद है कि यह टैग पाकिस्तान को न मिलकर भारत को मिल सकता है। किसी जीआई टैग को कृषि, प्राकृतिक या निर्मित चीजों के लिए जारी किया जा सकता है। इसके लिए इनके अपने भौगोलिक मूल से संबंधित कोई खास बात, क्वालिटी या अन्य खासियत होनी चाहिए। भारत में बासमती चावल की गुणवत्ता काफी अच्छी रही है।

Home / Miscellenous India / बासमती चावल मामले में भारत को पीछे नहीं छोड़ पाया पाकिस्तान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो