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पाक से जान बचाकर भागे डॉक्टर, भारत में बेच रहे जूते

Published: Jun 29, 2015 08:20:00 am

 गुजरात के अहमदाबाद करीब 200 पाकिस्तानी डॉक्टर या तो जूते बेच रहे हैं या किसी दुकान में हेल्पर का काम कर रहे 

pak doctors

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अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद शहर में करीब 200 पाकिस्तानी डॉक्टर ऎसे हैं जो या तो जूते बेच रहे हैं या अस्पताल में गार्ड की नौकरी कर रहे हैं या किसी दुकान में हेल्पर का काम कर रहे हैं। ये डॉक्टर पाकिस्तान के सिंध से आतंकियों के डर से भाग कर आए हैं। पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे हमलों से डरकर गुजरात आए इन डॉक्टरों के पास डॉक्टरी की डिग्री तो है लेकिन जीवनयापन के लिए इन्हें जो भी काम मिल रहा है वो करने को मजबूर हैं।

सुरक्षा कारणों से कराची छोड़ भागे
कराची यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद दशरथ केला (38) ने साल 2001 में बतौर डॉक्टर अपना करियर शुरू किया था, लेकिन सुरक्षा कारणों से वह 2006 में पाकिस्तान से भागकर अहमदाबाद आ गए। एमबीबीएस दशरथ केला गुजरात के मणिनगर में अपने चचेरे भाई की जूतों की दुकान पर असिस्टेंट के तौर पर नौकरी करते हैं।

सिंध प्रांत में 46 साल के डॉक्टर जयराम लोहाना की कमाई एक लाख रूपये महीना थी। 2012 में वह पाकिस्तान से अहमदाबाद आ गए। एयरपोर्ट के पास अपने एक रिश्तेदार की मोबा इल शॉप पर काम करते हैं। लोहाना कहते हैं कि पाकिस्तान में लोग हमें भगवान की तरह समझते थे। ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं देने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन एमसीआई ने खारिज कर दिया।

हिंदुओं का जीना हराम
पाकिस्तान में करीब दो सौ से अधिक डॉक्टर हैं जो से गुजरात में आकर बसे हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू परिवारों की बेटियों का अपहरण, वसूली की घटनाएं सामान्य हैं। पाकिस्तान के इन डॉक्टर्स के पास इलाज का हुनर तो है, लेकिन नियमों ने हाथ बांध रखे हैं। एमसीआई से इजाजत न मिलने के कारण ये पाकिस्तानी डॉक्टर भारत में प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं। 

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