आतंकियों को मुजाहिद कह कर जम कर उनका सपोर्ट किया जा रहा था, हमला शनिवार शाम को हुआ था एवं सोमवार तक चला
श्री नगर। जब जम्मू-कश्मीर के पंपोर में हुए हमले में भारतीय जवान लड़ रहे थे तभी वहां के आस-पास के मस्जिदों से लाउडस्पीकर से पाकिस्तान और आंतकियों के समर्थन में नारे लगाए जा रहे थे। आतंकियों को मुजाहिद कह कर जम कर उनका सपोर्ट किया जा रहा था। हमला शनिवार शाम को हुआ था और सोमवार तक चला। बिल्डिंग में छिप कर फायरिंग कर रहे लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को आर्मी ने सोमवार को मार गिराया। एनकाउंटर के दौरान दो कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हो गए।
दो अंग्रेजी अखबारों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनकाउंटर के वक्त आसपास के इलाकों में मुजाहिदों (लड़ाकों) के सपोर्ट में नारे लग रहे थे। लाउडस्पीकर्स से नारेबाजी उस वक्त हुई जब इंडियन सिक्युरिटी फोर्सेज बिल्डिंग में आतंकियों से मुकाबला कर रही थीं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि फरेस्टाबल, दरांगबल, कदलाबल और सेमपोरा जैसे इलाकों की मस्जिदों में सोमवार को आतंकियों के सपोर्ट में नारे लगे। नारों में कहा जा रहा था कि जागो, जागो सुबह हुई, प्रो-पाकिस्तानी नारे जीवे, जीवे पाकिस्तान और प्रो-आजादी नारे हम क्या चाहते हैं- आजादी। सैकड़ों लड़के एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट की बिल्डिंग के आसपास भी नारेबाजी करने पहुंचे। इसी बिल्डिंग में आतंकी छिपेे थे और आर्मी एनकाउंटर कर रही थी। बताया जा रहा है कि आतंकियों के सपोर्ट में पहुंचे लड़कों ने सिक्युरिटी फोर्सेज को कॉम्बैट ऑपरेशन से रोकने की भी कोशिश की।
लश्कर के आतंकी थे-डीजी, सीआरपीएफ
CRPF के डीजी प्रकाश मिश्रा के मुताबिक पंपोर में घुसने वाले आतंकी लश्कर से जुड़े हैं। जमात-उद-दावा ने भी पहली बार इस हमले के लिए खुलकर लश्कर-ए-तैयबा का सपोर्ट किया है। 15 साल के बाद लश्कर को जमात ने ऐसा सपोर्ट किया है। आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा को अमेरिका ने 26/11 हमले के बाद बैन कर दिया था। जमात-उद-दावा को लश्कर का फ्रंट लाइन माना जाता है।
हाफिज केसमर्थकों ने किए भारत विरोधी ट्वीट्स
सोमवार सुबह जमात की सोशल मीडिया सेल के हेड ताहा मुनीब ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। एक ट्वीट में उसने कहा कि कश्मीरी मुजाहिदीनों ने इंडियन सोल्जर्स को खत्म कर दिया। इसके अलावा मुनीब ने इंडियन फोर्सेजे के खिलाफ लीव कश्मीर जैसे ट्वीट्स भी किए। उसने कहा कि अगर आप अपने जवान कैप्टन की मौत नहीं चाहते हैं तो एक ही ऑप्शन है- यहां से चले जाएं। कोई भी सिख, कश्मीरी, जाट भारत की तबाही को नहीं रोक सकता।
दो कैप्टेन समेत 5 आर्मी जवान हुए शहीद
जींद के रहने वाले 23 साल के कैप्टन पवन कुमार शनिवार को बिल्डिंग पर कब्जा कर चुके आतंकियों पर काबू पाने की कोशिश में गोली और ग्रेनेड की चपेट में आ गए। आर्मी पैरा-कमांडो कैप्टन तुषार महाजन रविवार को एनकाउंटर में शहीद हुए। लांस नायक ओम प्रकाश, कॉन्स्टेबल आरके रैना और हेड कॉन्स्टेबल भोला सिंह भी शहीद हुए हैं। एक सिविलियन और 5 आर्मी के जवानों की इस हमले में जान गई है।
गौरतलब हो कि शनिवार शाम आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर ऑटोमैटिक वेपेन्स से फायरिंग की। सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई के दौरान आतंकी भागकर 15 एकड़ में फैले इंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट में घुस गए। सीआरपीएफ ने आतंकियों का पीछा करते हुए बिल्डिंग में जाने की कोशिश की। लेकिन आतंकियों ने ग्रेनेड अटैक और हैवी फायरिंग कर सीआरपीएफ को बिल्डिंग में घुसने से रोक दिया। बिल्डिंग में उस वक्त 120 के करीब लोग मौजूद थे। उन्हें सेफ निकालना बड़ी चुनौती थी। सिक्युरिटी फोर्स ने बुलेटप्रूफ व्हीकल की मदद से सभी लोगों को वहां से बाहर निकाला। इसी दौरान टेररिस्ट बिल्डिंग में सुरक्षित ठिकानों पर छुप गए थे। जहां से वे सिक्युरिटी फोर्स के मूवमेंट पर नजर रख रहे थे और लगातार फायरिंग कर रहे थे। सिक्युरिटी फोर्सेस ने आतंकियों को न्यूट्रलाइज करने के लिए रविवार दोपहर ऑपरेशन लॉन्च किया। यह ऑपरेशन सोमवार को समाप्त हुआ। आर्मी ने बिल्डिंग के हर फ्लोर पर बड़ी मात्रा में आर्म्स एंड एम्यूनेशन बरामद किया है।