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अब एक लाख रुपए से ज्यादा की शॉपिंग पर बताना होगा पैन नंबर

Published: Oct 05, 2015 08:45:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 के आम बजट में एक लाख रूपये से अधिक के
हरेक लेन-देन पर पैन कार्ड को अनिवार्य किये जाने का प्रस्ताव रखा

Arun Jaitley-5

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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश के भीतर काला धन पर अंकुश लगाने के लिए एक तय राशि से अधिक के लेन-देन पर पैन कार्ड को अनिवार्य किया जाएगा। जेटली ने सोशल नेटवर्किग फेसबुक पर कहा कि सरकार एक तय सीमा से अधिक के लेन-देन के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता पर विचार कर रही है, ताकि काला धन के स्त्रोतों की जानकारी उपलब्ध हो सके। जेटली ने वित्त वर्ष 2015-16 के आम बजट में एक लाख रूपये से अधिक के हरेक लेन-देन पर पैन कार्ड को अनिवार्य किये जाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि कई सांसदों, विधायकों एवं उद्योग संगठनों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।




उन्होंने कहा कि आयकर विभाग का निगरानी तंत्र पहले के अपेक्षा काफी मजबूत हुआ है और इसकी तकनीकी दक्षता एवं सूचनाएं जमा करने की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है। जेटली ने देश के भीतर भारी मात्रा में काला धन होने पर जोर देते हुए कहा कि प्लास्टिक मनी के प्रति देश की मानसिकता को बदलने की जरूरत है, ताकि नकदी के इस्तेमाल को हतोत्साहित किया जा सके।

जेटली ने कहा कि बड़े लेन-देन को पकड़ना अब आसान हो गया है। वस्तु एवं सेवा कर के लागू होने के बाद यह और सुलभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सोना एवं ऎसी अन्य वस्तुओं, जिनकी खरीद के लिए पहले उत्पाद शुल्क का भुगतान करना होता है और जिसमें ज्यादातर लेन-देन नकदी में होता है, को रोक पाना आसान होगा।




ऊंची दर बढ़ी समस्या

देश में काला धन की समस्या के लिए करों की ऊंची दर को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए करों की दर को व्यावहारिक करेगी। जेटली ने सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर कहा कि देश में आजादी के बाद से ही करों की दरें काफी ऊंची रहीं जिसके कारण लोग कर चोरी के लिए प्रोत्साहित हुए। उन्होंने कहा कि कोई भी देश जिसका नागरिक कर चोरी करने को जीने के लिए अहम बना ले तो उस देश को काफी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ जाता है। यदि कर की दरें कम होंगी तो लोग उसके भुगतान में ईमानदारी बरतेंगे।

कालेधन का खुलासा
उन्हें कुल संपत्ति पर 30 प्रतिशत कर के अलावा 90 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जिस 65 अरब रूपये के कालाधन का जिक्र किया गया था, वह जेनेवा में एचएसबीसी बैंक एवं लिचटेंसटाइन बैंक में विभिन्न खाताओं में जमा है। इसके अलावा अनुपालन खिड़की की सुविधा के जरिये भी 37 अरब 70 करोड़ रूपये के कालाधन का पता चल चुका है।

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