विपक्ष के बीच हंगामे के कारण संसद में शुक्रवार को सत्रहवें दिन भी गतिरोध जारी रहा जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के महज तीन दिन शेष रहने के बीच नोटबंदी के मसले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामे के कारण संसद में शुक्रवार को सत्रहवें दिन भी गतिरोध जारी रहा जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में गेहूं के आयात पर शुल्क पूरी तरह समाप्त किए जाने के कारण विपक्ष ने शुक्रवार को सदन की र्कायवाही नहीं चलने दी, उसका कहना था कि नोटबंदी के कारण किसानों की स्थिति खराब हुई है और आयात शुल्क खत्म करने से उनकी हालत और खराब हो जाएगी। दूसरी ओर संसद के नहीं चलने को लेकर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की सख्त टिप्पणी पर लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई जिसके कारण वहां भी सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
राज्य सभा में माकपा के सीताराम येचुरी ने गेहूं पर आयात शुल्क खत्म करने का मामला उठाते हुए नियम 267 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग की लेकिन उपसभापति पी जे कुरियन ने इसकी इजाजत नहीं थी जिस पर विपक्षी सदस्य भड़क गए और नारेबाजी शुरु कर दी। कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा और जयराम रमेश, जदयू के शरद यादव, बसपा प्रमुख मायावती और तृणमूल के सुखेंदू शेखर राय ने एक स्वर में आयात शुल्क के मसले का विरोध किया और कहा कि नोटबंदी के कारण किसान पहले से ही परेशान है और सरकार के ताजा फैसले से यह परेशानी और बढ़ जाएगी।
हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक के लिए, फिर प्रश्नकाल के बाद ढाई बजे तक के लिए और भोजनावकाश के बाद कोरम के अभाव के कारण बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।