आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमूता बढ़ाए सेना-पर्रिकर
Published: Apr 20, 2015 08:41:00 pm
रक्षा मंत्री ने सेना से देश के समक्ष खड़ी आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता और ताकत बढ़ाने को कहा है
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना से देश के समक्ष खड़ी आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमता और ताकत बढ़ाने को कहा है। पर्रिकर ने सोमवार को यहां सैन्य कमांडरों के पांच दिन के सम्मेलन में देश के समक्ष मुंह बाएं खड़ी चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका मुकाबला करने के लिए सेना को अपनी क्षमता बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये चुनौती राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि बदलती परिस्थितियों की नई चुनौतियों के मद्देनजर सेना को मजबूत बनाने की प्रक्रिया निरंतर जारी रखने की जरूरत है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना दुनिया की सबसे पेशेवर संस्था है और उसने साहस का परिचय देते हुए सीमा पार से होने वाले छद्म युद्ध सहित विभिन्न कठिन चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके साथ ही उसने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए जम्मू कश्मीर और अन्य जगहों पर बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति का भी डटकर सामना किया है और लोगों को राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सरकार सैन्यकर्मियों विशेष रूप से भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कदम उठाते हुए वह इनकी एक रैंक एक पेंशन की मांग को जल्द ही पूरा करने वाली है। सरकार सैनिकों के कल्याण से जुड़ी अन्य योजनाओं को भी पूरा समर्थन देगी। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने सेना के विभिन्न अभियानों , उनके लिए तैयारी, प्रशिक्षण और जनशक्ति की जरूरत जैसे मुद्दों का उल्लेख किया।
पर्रिकर ने वायु सेना के कमांडरों के सम्मेलन को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए और इसके लिए उपलब्ध हर संसाधन का पूरा इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने जम्मू कश्मीर में बाढ़ तथा युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों को स्वदेश लाने में दिए गए पेशेवर योगदान के लिए वायुसेना की सराहना की। सेना और वायुसेना के कमांडरों के सम्मेलन साल में दो बार होते हैं। शीर्ष स्तर पर होने वाले इन सम्मेलनों में दोनों सेनाओं के कमांडर अपने प्रमुख अभियानो , जन शक्ति और सुरक्षा तैयारियों तथा प्रशिक्षण से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हैं। इसके अलावा भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति के खाके पर भी चर्चा होती है।
शीर्ष कमांडर सेना के आधुनिकीकर और उसे नई प्रौद्योगिकी से लैस करने पर भी विचार करते हैं। बुधवार को सेना और वायुसेना के कमांडरों का संयुक्त सम्मेलन होगा जिसे रक्षा मंत्री संबोधित करेंगे। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने सम्मेलन में वायु सेना के विभिन्न आपरेशनों और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने वायु सेना द्वारा विमानों की सेवा क्षमता को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया।