इस डील के तहत इजरायल की कंपनी भारत को 44,600 अत्याधुनिक राइफल उपलब्ध कराने वाली थी
पत्रिका न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी एक हजार करोड़ रुपए की राइफल डील को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रद्द कर दिया है। इस डील के तहत इजरायल की कंपनी भारत को 44,600 अत्याधुनिक राइफल उपलब्ध कराने वाली थी लेकिन यूपीए सरकार के दौरान वर्ष 2010 मे हुई इस डील के टेंडर में गड़बड़ी पाई गई। माना जा रहा है कि टेंडर में पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी। 28 कंपनियों ने प्रक्रिया में शामिल होकर भारत को हथियार देने की दावेदारी पेश की थीं। मगर इजरायल की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख टेंडर जारी किया गया था।
दुनिया की 28 कंपनियों से सेना ने मांगे थे प्रस्ताव
टेंडर प्रक्रिया में सेना ने दुनियाभर की 28 कंपनियों से प्रस्ताव मांगे थे। कंपनियों से प्रस्ताव मिलने के बाद सेना व सरकार ने पांच फर्म को ट्रायल के लिए चुना। इसमें इनके हथियारों को परखा गया। इनमें से तीन की छटनी कर दी गई। बाद में केवल दो कंपनियां बची थीं। एक इटली की बेरेट्टा कंपनी और दूसरी इजराइल की इजराइली वेपन इंडस्ट्री। इसके बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एशोरेंस ने इटली की कंपनी के हथियारों में कमी निकालते हुए उसे खारिज कर दिया था। इस प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगे थे।
नहीं मिली हरी झंडी
जारी हुए टेंडर में यह विकल्प रखा जाना था कि ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी के तहत 1.2 लाख कारबाइन का ऑर्डिनेंस फेक्ट्री बोर्ड द्वारा निर्माण किया जा सकता है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस विकल्प को हरी झंडी नहीं मिल पाई।