scriptपरिजन की गफलत में जीते-जी सज गई अर्थी | Patients family members misunderstood doctors words, made arrangements for cremation | Patrika News

परिजन की गफलत में जीते-जी सज गई अर्थी

Published: Dec 31, 2015 10:01:00 am

डॉक्टरों ने परिजन से मरीज को घर ले जाने के लिए कहा तो परिजन ने मरीज को मृत मान लिया। अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई

ITBP soldier death from the heart attack

ITBP soldier death from the heart attack

इंदौर। एमवाय अस्पताल में परिजन की गफलत से जीते-जी मरीज की अर्थी सज गई। डॉक्टरों ने परिजन से मरीज को घर ले जाने के लिए कहा तो परिजन ने मरीज को मृत मान लिया। अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई। रिश्तेदार रोने लगे। अचानक मरीज के मुंह से चंद शब्द निकले तो ताबड़तोड़ परिजन निजी अस्पताल ले गए।

खजराना के बलाई मोहल्ला निवासी गीता (50) पति बाबूलाल मालवीय सोमवार को भांजे मुकेश के साथ बाइक से चापड़ा से इंदौर लौट रही थी कि एक्सीडेंट हो गया और उनके सिर में चोट आई। परिजन ने एमवाय अस्पताल में भर्ती करवाया। जांच के बाद पता चला, चोट से सिर में खून के थक्के जम गए हैं। डॉक्टरों ने मंगलवार को ऑपरेशन कर थक्का बाहर निकाला।

शब्दों के फेर में उलझे

पति बाबूलाल ने बताया, बुधवार सुबह एमवाय में डॉक्टरों ने कहा, गीता को घर ले जाओ। उनके कहने के लहजे से लगा गीता हमें छोड़कर चली गई। हम उसे घर ले आए। अंतिम संस्कार की तैयारियां होने लगी। दूरदराज के रिश्तेदारों को भी सूचना दे दी। घर में सभी रो रहे थे, इसी बीच गीता के मुंह से कुछ शब्द निकले। ताबड़तोड़ उसे मयूर अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने देखा तो उसकी सांसें चल रही थीं, उसे आईसीसीयू में रखा गया। दोपहर 2 बजे परिजन ने उन्हें फिर एमवाय अस्पताल में शिफ्ट करवाया।

मर्जी से ले गए थे परिजन

एमवाय के सहायक अधीक्षक डॉ. एस. नारंग कहा, मरीज का ऑपरेशन हुआ था। वह होश में नहीं थी, लेकिन उसे ब्रेन डेड भी घोषित नहीं किया था। मेडिकल एडवाइस के खिलाफ परिजन उसे डिस्चार्ज करा ले गए थे।

परिजन को हुई गफलत, देखा रिकॉर्ड

मयूर अस्पताल के प्रशासक जीएमआर शाह ने बताया, एमवाय में मरीज की सांस चल रही थी। हमने पूरी रिपोर्ट देखी है। परिजन को गफलत हुई है। मरीज की रिकवरी हो सकती है।
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