अगला स्टेशन राजीव चौक है, दरवाजों से सट कर ना खड़े हों, कृपया उतरने वाले यात्रियों को पहले जानें दें! कुछ इस तरह के अनाउंसमेंट आप रोजाना ही दिल्ली मेट्रो में यात्रा के दौरान सुनते होंगे..
people behind the voice of delhi metro
अगला स्टेशन राजीव चौक है, दरवाजों से सट कर ना खड़े हों, कृपया उतरने वाले यात्रियों को पहले जानें दें! कुछ इस तरह के अनाउंसमेंट आप रोजाना ही दिल्ली मेट्रो में यात्रा के दुरान सुनते होंगे। हिंदी व अंग्रेजी अंग्रेजी की दो मधुर आवाज़ सुन कर आप अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं और उन्हीं की आवाज़ सुन कर आप महिलाओं और बुजुर्गों के लिए सीट भी छोड़ दिया करते हैं। लेकिन क्या आपको यह पता है कि मेट्रो के अंदर और स्टेशन पर आपको एक महिला व एक पुरुष की जो दो आवाज़ें सुनाई देती हैं वो असल में किसकी हैं? अगर नहीं जानते तो आज हम बताते हैं इस आवाज़ के पीछे आखिर वो 2 कौन लोग हैं जिनके कहने पर मेट्रो चला करती है?
सरपट दौड़ती मेट्रो में हमें जो हिंदी में जानकारी देते हैं वो हैंशम्मी नारंग और अंग्रेज़ी में रिनी सिमोन खन्ना। अब हम आपको इन दोनों के बारे में कुछ छोटी-छोटी बातें बताते हैं…
शम्मी नारंग-
शम्मी नारंग आई आई टी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। महज़ उन्नीस साल की उम्र में ही उन्हें एक विदेशी इंजीनियर ने माइक टेस्ट करने के लिए बुलाया, शम्मी उस वक्त कॉलेज में थे। लेकिन इसके बाद उनकी ज़िन्दगी जैसे पूरी तरह बदल गई. जिस विदेशी युवक ने उन्हें यह मौका दिया वो विदेशी युनाइटेड स्टेट्स इनफार्मेशन सर्विसेज़ का टेकनिकल डिरेक्टर था। इनकी आवाज़ से वो इतना प्रभावित हुआ कि उसने शम्मी को वॉइस ऑफ़ अमेरिका के हिंदी विभाग में काम करने का मौका दिया। सफलता की सीढ़िया चढ़ते चढ़ते ये दूरदर्शन का एक जाना-माना चेहरा बन गए। इन्हीं की आवाज़ सुनकर हमको आने वाले स्टेशन का पता चलता है। वो बात अलग है कि हम इनके ज्यादातर इंस्ट्रक्शन बहुत कम ही मानते हैं
रिनी सिमोन खन्ना-
आपने कभी न कभी दोस्तों के साथ मेट्रो में इनकी आवाज़ की नक़ल उतारने की कोशिश की होगी। लेकिन सच्चाई तो यह है कि इनकी नक़ल उतार पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। रिनी का जन्म स्थान केरल है और पिता के एयरफोर्स में होने के कारण इनकी शिक्षा 9 अलग-अलग स्कूलों में हुई, क्योंकि उनका ट्रांसफर समय-समय पर होता रहता था। इन्होंने 1985 से 2001 तक दूरदर्शन के लिए काम किया और ये अपने समय की मशहूर एंकर के रूप में जानी जाती हैं। इसके बाद इन्होंने वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में भी कार्य किया।