गया। उत्तर प्रदेश के दादरी में गौमांस खाने की अफवाह में मारे गए मोहम्मद अखलाक का मंगलवार को बिहार के गया में पिंडदान किया गया। अखलाक का पिंडदान स्थानीय व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता चंदन कुमार सिंह ने कराया। उन्होंने टीवी पर अखलाक के परिवार की पीड़ा देखने के बाद यह निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि यह दुखद बात है कि एक अफवाह के बाद उसके पड़ोसियों ने ही उसकी जान ले ली। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे समाज के अधिकांश लोग ऎसी जघन्य घटना का समर्थन नहीं करते हैं। यह केवल कुछ लोगों की करतूत है और यह शर्मनाक है कि ऎसी घटना की निंदा करने के बजाय कुछ लोग इससे अपने राजनीतिक लक्ष्य साध रहे हैं।
चंदन सिंह ने बताया कि उनके पिता सुरेश नारायण ने अनजान लोगों के पिंडदान कराने की शुरूआत की थी। वे प्राकृतिक या मानवनिर्मित हादसों में मारे जाने वाले दूसरे समुदायों के लोगों का भी पिंडदान कराते थे। मैं इस परंपरा को जिंदा रख रहा हूं। अखलाक की मौत के बाद मैं स्वामी राघवाचार्यजी महाराज के पास गया और उन्होंने कहाकि ऎसा करना ठीक है, इससे समाज में सही संदेश जाएगा।
स्वामी राघवाचार्यजी महाराज रामानुज मठ के प्रमुख हैं और विष्णुपद मंदिर के जानेमाने पुजारी हैं। उन्होंने बताया कि यह पूजा उन लोगों के लिए कड़ा संदेश है जिन्होंने गौमांस खाने की अफवाह पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी। उन्होंने घृणित कार्य किया है। यह हमारे धर्म की सीख नहीं है। यह मानवता के खिलाफ है।
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