सिंधु पर बोले पीएम मोदी, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते
Published: Sep 26, 2016 07:53:00 pm
बैठक में तुलबुल नौवहन परियोजना पर निर्माण कार्य के स्थगन की समीक्षा करने का भी फैसला किया गया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को सोमवार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। मोदी ने सिंधु जल संधि की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में यह टिप्पणी की। सूत्रों के अनुसार, इसमें स्थायी सिंधु जल आयोग की बैठक फिलहाल न बुलाने का फैसला किया गया। इससे दोनों देशों के बीच नदी जल पर सहयोग की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है।
बैठक में तुलबुल नौवहन परियोजना पर निर्माण कार्य के स्थगन की समीक्षा करने का भी फैसला किया गया। बैठक से यह संकेत सामने आया है कि यदि पाकिस्तान सीमा पार से आंतकी हमले जारी रखता है तो उसे यह नहीं मानना चाहिए कि संधि का क्रियान्वयन नहीं जारी रहेगा। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्रा तथा विदेश सचिव एस जयशंकर भी मौजूद थे।
इसमें पाकिस्तान की तरफ बहने वाली सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के जल के बेहतर इस्तेमाल पर विचार-विमर्श किया गया। सिंधु नदी के जल बंटवारे को लेकर पाकिस्तान के साथ 56 साल पहले समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का 80 फीसदी पानी मिलता है।
जल संसाधन मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर इस संबंध में मोदी को जल बंटवारे से जुड़े विभिन्न तथ्यों से अवगत कराया। जम्मू-कश्मीर के उरी में सैन्य शिविर पर हाल में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 22 सितम्बर को स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह के समझौते के निरंतर काम करने में दोनों पक्षों के बीच ‘परस्पर विश्वास और सहयोग’ महत्वपूर्ण है। इस तरह के समझौते एकपक्षीय नहीं हो सकते।