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राजनीती करने वाले क्या खेलते हैं, ये सब जानते हैंः प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में देश भर के 9 जगहों से आए करीब 800 स्टूडेंट्स को संबोधित किया

Sep 04, 2015 / 12:11 pm

Rakesh Mishra

Narendra Modi

Narendra Modi

नई दिल्ली। 5 सितंबर (टीचर्स-डे) के एक दिन पहले यानी 4 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच्चों से रूबरू हुए। मोदी ने दिल्ली के मानेकशॉ ऑडिटोरियम में देश भर के 9 जगहों से आए करीब 800 स्टूडेंट्स को संबोधित किया। मोदी ने बच्चों से कहा कि मां जन्म देती है और शिक्षक जीवन देता है। इस दौरान बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी ने कई सवाल भी किए, जिसका उन्होंने बखूबी जवाब दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर व्यक्ति को शिक्षक की कही ऐसी बात जरूर याद होगी, जो उनके जीवन का हिस्सा बन गई है। मोदी ने बच्चों को उदाहरण के जरिए विद्यार्थी और शिक्षक के बीच के विश्वास को भी समझाया। उन्होंने कहा कि यदि कभी शिक्षक कहते हैं कि रात को सोते समय तकिया इस तरह रखनी चाहिए, तो बच्चे कभी उनसे यह सवाल नहीं करते हैं कि उन्होंने यह कहां पढ़ा या सुना और ऐसा करने से क्या होता। जब भी वह बच्चा सोने जाता है तो उसे शिक्षक की कही वह बात जरूर याद आती है।

छात्रा का सवालः राजनीति में आना चाहती हूं, क्या करूं
जवाबः
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल राजनीतिक जीवन की काफी बदनामी हो रही है। ऎसा माना जाता है कि इस क्षेत्र में अच्छे लोगों का कोई काम नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र के लोगों को राजनीति में आना चाहिए। जितने अच्छे लोग राजनीति में आएंगे देश का कल्याण होगा। मोदी ने सवाल पूछने वाली छात्रा को सलाह दी कि वो खुद में लीडरशिप की भावना पैदा करें, ताकि लोग उनकी बात सुन सकें।

छात्रा का सवालः आपका सबसे पसंदीदा खेल कौनसा है
जवाबः
इस सवाल के जवाब में जब मोदी ने कहा कि राजनीती करने वाले क्या खेल खेलते हैं, ये सब जानते हैं। इसपर ऑडिटोिरयम में मौजूद सभी लोग हंस दिए। मोदी ने कहा कि उनका बचपन ग्रामीण परिवेश में बीता है। उस वक्त आज के जैसे टेक्नोलॉजी वाले गेम नहीं होते थे। मोदी ने कहा कि वे स्कूल में कबड्डी और खो-खो जरूर खेलते थे। वहीं वे अल सुबह व्यायमशाला जाना नहीं भूलते थे। मोदी ने यह भी कहा कि बचपन में उन्हें तैराकी करना काफी पसंद था।

प्रश्न- सर आप भी कविता लिखते हैं क्या आप हमें सुना सकते हैं?
जवाबः इस सवाल के जवाब से पहले मोदी ने सभी बच्चों से पूछा कि कौन-कौन कविताएं लिखता है। तब अधिकतर बच्चों ने अपने हाथ खड़े किए। मोदी ने कहां कि कविता किसी ना किसी रूप में सभी के भीतर है। कभी यह कलम ने निकलती है और कभी यह आंसुओं से। मोदी ने कहा कि मैंने जो लिखा है उसे कविता कहने के लिए अभी में तैयार नहीं हूं। मैं उन्हें कविता नहीं कह सकता। मैं बस चलते-चलते अपने भावों की कलम के माध्यम से अभिव्यक्ति करने की कोशिश करता था।

सवाल. आप अपने जीवन में किससे सबसे प्रभावित रहे
जवाबः. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तुम्हारा सवाल महत्वपूर्ण है। जीवन किसी एक व्यक्ति के कारण नहीं बनता है। मेरा स्वभाव छोटी उम्र से जिज्ञासु रहा, जिसका मुझे लाभ मिला, मेरी मां का भी योगदान रहा। मेरे गांव में अच्छी लाइब्रेरी थी, स्वामी विवेकानंद की किताबें पढ़ता था, मुझे लगता है कि उसका ज्यादा प्रभाव पड़ा। वहीं इस मौके पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 25 रूपये का सिक्का भी जारी किया गया।

मोदी के भाषण की झलकियां

– कल कृष्ण और राधाकृष्ण का जन्मदिन

– एक बच्चा अपने जीवन का सबसे ज्यादा समय शिक्षक के साथ बिताता है

– शिक्षक दिवस पहले भी मनाया जाता था, लेकिन कुछ ज्यादा नहीं होता था, लेकिन हमारी कोशिश है कि व्यस्थाओं में प्राण कैसे लाएं जाएं। मेरे लिए सौभाग्य की बात की मुझे बच्चों के साथ बातचीत करने का मौका मिल जाता है

– शिक्षक कभी भी रिटायर्ड नहीं होता है, यह अन्य व्यवसाय से सबसे आगे है, आज हमें जो भी अच्छे इंजीनियर और डॉक्टर मिले हैं, उनकी सफलता के पीछे एक शिक्षक ही होता है।

– एपीजे अब्दुल कलाम को हमने निकट से देखा है। उन्होंने कभी कहा था कि वह टीचर के रूप में याद रखा जाए। राष्ट्रपति का पद छोड़ने के बाद वह अगले दिन चेन्नई चले गए। स्टूडेंट्स को संबोधित करते.करते ही उन्होंने अपना देह त्याग दिया। टीचर कभी रिटायर नहीं होता।

– बच्चों को सलाहः हम में कितना भी ज्ञान क्यों ना हो, हमें रोबोट बनने से बचना है।

– अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने राधाकृष्णन और सभी गुरुओं को नमन किया।




प्रणब सर की क्लास
उधर, शिक्षक दिवस से एक दिन पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में बच्चों को देश का राजनीतिक इतिहास पढ़ा रहे हैं। स्कूल में इसकी तैयारियां पहले ही शुरू कर दी गई हैं, जिस कक्षा में राष्ट्रपति पढ़ाएंगे, उसमें ब्लैक बोर्ड की जगह व्हाइट बोर्ड का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिस पर मार्कर की मदद से लिख सकेंगे।





इस कक्षा में स्टूडेंट्स की संख्या 60 होगी। स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज के रंग के तम्बू लगाए गए हैं। इस दिन पूरे वक्त दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया स्वयं स्कूल में चल रही सभी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं और एचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी भी मौजूद हैं। दूसरी ओर मोदी की क्लास के लिए ऎसी व्यवस्था की गई है कि देश भर के 9 जगह से स्टूडेंट्स पीएम से बात कर सकेंगे। सभी राज्यों से कहा गया है कि वे ऎसे इंतजाम करें कि बच्चे प्रधानमंत्री का लाइव कार्यक्रम देख सकें।

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