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एक साथ चुनाव के लिए राजनीतिक आम सहमति जरूरी : जैदी

Published: Oct 19, 2016 11:13:00 pm

जैदी ने कहा, पहला, संविधान में कई सुधार करने होंगे तथा दूसरा, सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच सहमति बनानी होगी

Naseem Zaidi

Naseem Zaidi

नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) नसीम जैदी ने बुधवार को कहा कि यदि कुछ शर्तें पूरी कर दी जाएं तो निर्वाचन आयोग एक ही समय पर लोकसभा व विधानसभाओं के चुनाव कराने के लिए तैयार है। आयोग ने इन शर्तों में अतिरिक्त संसाधन और राजनीतिक आम सहमति की बात गिनाई। जैदी ने कहा, आयोग एक ही वक्त में चुनाव करा सकता है। उन्होंने कहा कि दो चीजों पर विचार करने की जरूरत है।

राष्ट्रीय राजधानी में मतदाता शिक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर जैदी ने कहा, पहला, संविधान में कई सुधार करने होंगे तथा दूसरा, सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच सहमति बनानी होगी। उन्होंने कहा, अगर ये दो काम हो जाते हैं, तो हम एक ही वक्त में दोनों चुनाव करा सकते हैं। निश्चित तौर पर हमें कुछ अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत होगी। अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें…इत्यादि।

उन्होंने कहा कि लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने को लेकर संसद की स्थायी समिति की 79वीं रपट पर निर्वाचन आयोग की राय मांगने पर निर्वाचन आयोग विधि मंत्रालय को पहले ही एक पत्र लिख चुका है।

जैदी ने हालांकि एक अर्थपूर्ण चुनावी प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं की भागीदारी पर जोर दिया, लेकिन उन्होंने अनिवार्य मतदान के विकल्प को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की बात है, तो मतदान न करने पर योग्य मतदाताओं को दंडित करना ‘अव्यवहारिक’ होगा। जैदी ने कहा, देश में मतदाताओं की भारी संख्या को देखते हुए, मतदान न करने वालों को दंडित करने का प्रावधान अव्यवहारिक होगा।

यह पूछे जाने पर कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने से पहले राजनीतिक पार्टियों व उम्मीदवारों द्वारा किए वादों या जाति/संप्रदाय के आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के प्रयासों से निर्वाचन आयोग कैसे निबटेगा? जैदी ने कहा कि इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद निर्वाचन आयोग स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अपनी सारी शक्तियों का इस्तेमाल करेगा।

उन्होंने कहा, निर्वाचन आयोग अब किसी भी तरह से बेबस नहीं है। हमारे पास पर्याप्त संवैधानिक शक्तियां हैं। एक बार जब आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है, तो हम अपनी तमाम शक्तियों का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए करेंगे कि मतदाता बिना किसी डर या दबाव या प्रलोभन के मतदान करे।
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