नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में भले ही सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में सिर-फुटौव्वल चल रही हो, लेकिन चुनाव अभी चार-पांच महीने दूर हैं। देश के पांच राज्यों में फरवरी-मार्च में ही चुनाव हो सकते हैं। एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा, जिसके बाद कभी भी चुनाव की तारीखें तय की जा सकती हैं।
यूपी में 7 चरण में मतदान
चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड व मणिपुर में जहां एक दिन में ही चुनाव संपन्न करवाए जाएंगे, वहीं उत्तर प्रदेश चुनाव सात चरणों में निपटाए जाने की संभावना है। आयोग विधानसभाओं का कार्यकाल पूरा होने से पहले अपनी तैयारी पूरी करने में जुट गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई 2017 को व गोवा, मणिपुर और पंजाब का 18 मार्च को पूरा हो रहा है। इसी के साथ उत्तराखंड विधान सभा का कार्यकाल 27 मार्च को खत्म हो रहा है।
यूपी में बदल सकती है तस्वीर
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में ढाई साल पहले हुए लोकसभा चुनाव में 80 में से 70 सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार लखनऊ पर कब्जे की लड़ाई लड़ेगी। जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिश होगी कि वह अपनी सत्ता बनाए रखें। बसपा कानून व्यवस्था के नाम पर फिर से मायावती को मुख्यमंत्री बनाना चाह रही है। जबकि कांग्रेस अपनी खोई जमीन को पाने की जुगत भिड़ाती नजर आएगी।
पंजाब में मुकाबला शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच नजर आ रहा है। उत्तराखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस का भाजपा से सीधा मुकाबला है। गोवा में सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस के अतिरिक्त आम आदमी पार्टी भी कड़ी चुनौती पेश करेगी। जबकि मणिपुर में कांग्रेस अपनी जमीन बचाए रखने की कोशिश करेगी।
1 लाख सशस्त्र बल किए जाएंगे तैनात
बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाएं न हों, इसके लिए करीब राज्य व केंद्र के करीब एक लाख सशस्त्र पुलिस जवान तैनात किए जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि आयोग को बजट पेश करने से किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि बजट पूरे देश के लिए है, न कि सिर्फ चुनाव वाले राज्यों के लिए। आयोग अभी चुनाव तारीखों के लेखे-जोखे पर काम कर रहा है, जिससे चुनाव वाले राज्यों की सरकारों का कार्यकाल खत्म होने से पहले काम पूरा हो सके। आयोग उन तमाम सुरक्षा पहलुओं का भी खाका तैयार कर रहा है, जिनकी मदद से राज्यों में स्वतंत्र एवं साफ-सुथरे ढंग से चुनाव करवाए जाएंगे।