नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर को गैस चेंबर जैसी शक्ल दे देने वाली अभूतपूर्व धुंध से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने रविवार को कई कदम उठाने की घोषणा की। प्रदूषण से निपटने और बचने के उपाय के तहत सभी स्कूलों को अगले तीन दिनों तक बंद रखा जाएगा और पांच दिनों तक किसी निर्माण या विध्वंस कार्य की इजाजत नहीं दी जाएगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का दम घोटने वाले इस संकट से निपटने के लिए अगले पांच दिनों तक इमारतों के निर्माण और इनमें किसी तरह की तोडफ़ोड़ या उन्हें ढहाने पर भी रोक लगा दी है। साथ ही डीजल से चलने वाले जेनरेटरों को भी अगले दस दिन तक चलाने से रोक दिया गया है। लेकिन, अस्पताल और अन्य आपातकालीन सेवाएं ऐसे जेनरेटर का इस्तेमाल कर सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पर्यावरण के संकट पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह समस्या कहीं बड़ी है और इसमें पड़ोसी राज्य भी शामिल हैं जहां कहा जा रहा है कि किसान फसलों के अवशेष, पुआल जला रहे हैं। उन्होंने इस मामले में केंद्र के दखल की मांग की और कहा कि किसानों को ऐसी मदद देनी चाहिए जिससे वे अपनी इस कार्रवाई से दूर रहें।
केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, यह राजनीति को अलग कर (समस्या का) समाधान ढूंढऩे का समय है। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने संवाददाताओं से कहा, प्रदूषण का स्तर पहले से ही काफी ज्यादा था। हमने विशेषज्ञों से सलाह ली है और हम कुछ आपातकालीन कदम उठा रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के बदरपुर के कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र को भी 10 दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा, जिससे काफी मात्रा में राख उठती है। संयंत्र के भतीर फैली राख पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों पर व्यापक पैमाने पर पानी का छिड़काव किया जाएगा और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अंतर्गत आने वाली सभी 100 फुट चौड़ी सड़कों की 10 नवंबर से वैक्यूम क्लीनिंग शुरू की जाएगी। राजधानी में 30 अक्टूबर को दिवाली के बाद से प्रदूषण के स्तर में और गिरावट आ गई है।
केजरीवाल ने सूखी पत्तियों को जलाने पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक ऐप जारी किया जाएगा, जिस पर इसके उल्लंघन से संबंधित जानकारी दी जा सकेगी। जिन इलाकों में इन्हें जलाया जाएगा, वहां के संबंधित अफसरों पर कार्रवाई होगी।
केजरीवाल ने कहा कि नगर निगम प्रशासन को भी शहर में लैंड फिल साइट में आग पर काबू रखने को कहा गया है। उन्होंने लोगों से जहां तक संभव हो, घर में ही रहने और वहीं से काम करने की भी अपील की और कहा कि वाहनों को चलाने की सम-विषम प्रणाली (ऑड-इवेन स्कीम) को फिर से शुरू किया जा सकता है।
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कृत्रिम बारिश की संभावनाओं पर विचार कर रही है। लेकिन, इस पर विशेषज्ञों और केंद्र सरकार से सलाह-मशविरे की जरूरत है। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में भारी धुंध के कारण रविवार तड़के दृश्यता घटकर 200 मीटर रह गई। वहीं, राजधानी का न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि मौसम के सामान्य तापमान से एक डिग्री अधिक है।
मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने कहा, भारी धुंध और धुंए के कारण सुबह 8.30 बजे दृश्यता 200 मीटर थी। अगर स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह और बिगड़ सकती है। राजधानी में सुबह 8.30 बजे आद्र्रता का स्तर 96 प्रतिशत दर्ज किया गया।