हरिद्वार। उत्तराखंड में अखिल भारतीय गायत्री परिवार के लाखों सदस्यों के एतराज पर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या ने राज्य सभा की सदस्यता स्वीकार करने से इन्कार किया। पांड्या ने इस आशय का पत्र भी राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेजा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज की सेवा वह पहले की तरह करते रहेंगे।
गौरतलब है कि समाज और देश की सेवा के लिए अमूल्य योगदान देने वाले डॉ. पांड्या को केंद्र की ओर से राज्य सभा की सदस्यता देने की पेशकश की गई, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी कर लिया था। डॉ. पांडया के सदस्यता को लेकर तरह तरह के बयान आने लगे। कोई उनका समर्थन कर बधाई दे रहा था तो कोई उनके निर्णय की आलोचना कर रहा था। सूत्रों के अनुसार डॉ. पांड्या को राज्यसभा में नामित करने को लेकर यहां संत समाज में भी कोई खास हलचल नहीं देखने को मिली थी। बाबा रामदेव ने भी उन्हें बधाई तक नहीं दी थी।
सूत्रों के अनुसार डॉ. पांड्या मूल रूप से गुजरात के रहने वाले है, परन्तु हरिद्वार में शांतिकुंज से जुड़कर उन्होंने यहां संत के रूप में पहचान बनाई। बाबा रामदेव को दरकिनार कर उन्हें राज्यसभा में भेजने पर बाबा के खेमे में नाराजगी देखी जा रही थी। डॉ. पाड्या द्वारा असहमति जताये जाने पर इसे बाबा रामदेव के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।
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