प्रधानमंत्री ने कहा, हम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से सीख सकते हैं कि कैसे अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा, मैं दिल्ली में नया था। मेरे लिया यहां तब सबकुछ नया था। तब राष्ट्रपति मुखर्जी ने मेरे अभिभावक की भूमिका निभाई। उन्होंने मुझे अनेक मुद्दों पर किसी मार्गदर्शक की तरह राह दिखाई। कुछ ही लोगों को यह सुविधा मिलती है।
राष्ट्रपति भवन से लागू होती हैं भारत सरकार की नीतियां
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, आज, मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारत सरकार की सारी नीतियां राष्ट्रपति भवन से ही लागू होती हैं, चाहे वह अक्षय ऊर्जा हो या जल संरक्षण, पर्यावरण से संबंधित नीतियां हों या डिजिटल इंडिया।
सबकुछ समेटे हैं संग्रहालय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति मुखर्जी ने देश को अप्रतिम योगदान दिया है। उन्होंने कहा, उन्होंने राष्ट्रपति भवन को भी बहुत कुछ दिया है। राष्ट्रपति भवन में खुले नए संग्रहालय के बारे में मोदी ने कहा कि यह संग्रहालय अपने आप में इतिहास, कला, कल्पना और प्रौद्योगिकी सबकुछ समेटे हुए है। बता दें कि यह संग्रहालय 2 अक्टूबर से आम जनता के लिए खुलेगा। इसके लिए 50 रुपए का टिकट रखा गया है।
राष्ट्रपति भवन में बने संग्रहालय की खास बातें
– संग्रहालय को काफी हाईटेक बनाया गया है। जहां भी पेंटिंग्स हैं, वहीं लाइट तभी जलेगी, जब आप उसके सामने होंगे।
– 88 साल के इतिहास की झलक अब तक कहानी होगी बयान।
– 10 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बना, 80 करोड़ खर्च का अनुमान।
– दिल्ली टूरिज्म सर्किट में होगा शामिल।