राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मलेन का उद्घाटन किया
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मलेन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोग संविधान की पवित्रता बरकरार रखें। राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के बाद हमारा देश लगातार मजबूत होता आया है। ऐसा हमारे संविधान में शामिल नियमों को मजबूती से अमल में लाने की वजह से हो पाया है। संविधान एक हमेशा रहने वाला अहम दस्तावेज है और यह हमारी आकांक्षाओं और उन्हें समावेशी तरीके से हासिल करने को लेकर हमारी विशाल योजनाओं को प्रदर्शित करता है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन और स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रमों को असरदार तरीके से लागू करने के लिए इन्हें राज्य सरकारों के साथ मिलकर चलाना होगा। अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपालों को एक प्रेरणादायी भूमिका निभानी चाहिए। इससे उनका सक्रिय सहयोग सामने आ सकेगा। उन्होंने कहा कि इस समय राज्यों में 320 से ज्यादा सरकारी विश्वविद्यालय हैं जबकि 140 से ज्यादा निजी विश्वविद्यालय हैं। राज्यपाल इन संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए प्रेरक भूमिका निभा सकते हैं।
अरुणाचल प्रदेश में राज्यपाल जेपी राजखोवा की भूमिका के मामले में पैदा विवाद को देखते हुए राष्ट्रपति की यह अपील काफी असर रखनेवाली है। राजखोवा की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया है। मामले में विवाद बढऩे पर इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई चल रही है।