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मोदी ने बढ़ाया विपक्ष की आेर हाथ, GST बिल पास होने की उम्मीद

सोनिया और मनमोहन संग को फोन कर की बातचीत, कई महत्वपूर्ण बिल पास कराने की रणनीति

modi speech in lok sabha

modi speech in lok sabha

नई दिल्ली। संसद में दो दिन तक चली संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी का नरम रुख दिखा। माना जा रहा है कि इस मिठास भरे अंदाज के पीछे जीएसटी बिल को पास कराने की मंशा है पीएम मोदी की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तीखे भाषण के बाद उम्मीद थी कि पीएम मोदी पलटवार करेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री ने सोनिया का नाम तो लिया, लेकिन तारीफ के संदर्भ में।

पीएम मोदी का सोनिया गांधी आैर मनमोहन सिंह को चाय पर चर्चा के लिए बुलाने से पहले दिया गया ये संतुलित भाषण विपक्ष की आेर दोस्ती का हाथ बढ़ाने जैसा है। आपको बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र में जीएसटी सहित कर्इ आैर बिल अटके हुए हैं जो कांग्रेस के साथ के बिना पास नहीं हो सकते हैं।

पीएम मोदी ने विपक्ष की तरफ बढ़ाया सहमती का हाथ
संसद में बाबा साहब आंबेडकर की 125वीं जयंती के तहत भारत के संविधान पर आयाेजित इस चर्चा में पीएम मोदी ने देश को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रधानमंत्रियों आैर सरकारों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस सरकार का इकलौता धर्म है इंडिया फर्स्ट। यह सरकार सिर्फ एक ही पवित्र किताब से चलती है, वह है- संविधान। इस देश में आम सहमति, बहुमत से ज्यादा मायने रखती है। आम सहमति ही हमें आगे ले जाएगी।

पीएम मोदी ने की प्रधानमंत्री नेहरू की तारीफ
मोदी पर नेहरू के सिद्धांतों की अनदेखी के कांग्रेस के आरोप के जवाब में पीएम ने अपनी स्पीच में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तारीफ की। उन्होंने कहा कि एक बार डॉ. लोहिया ने नेहरू से कहा था कि तथ्य बता रहे हैं कि आपकी नीतियां काम नहीं कर रही हैं तो नेहरू ने जवाब में कहा था कि हां, मैं आपके बताए तथ्यों से इनकार नहीं कर सकता। पंडित नेहरू ने अपने इस बयान से अपने व्यक्तित्व और इस संसद की ऊंचाई को दर्शाया।

मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है जीएसटी बिल
पीएम मोदी ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार सहमति से चलती है। अल्पमत और बहुमत तो आखिरी विकल्प होता है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान जीएसटी बिल पास कराना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। सबसे बड़ी समस्या है बिल को राज्य सभा में पास कराने के लिए कांग्रेस का समर्थन हासिल करना। इसके लिए पीएम मोदी का आज का भाषण इस दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है। बाबा साहब आंबेडकर की संविधान बनाने में बड़ी भूमिका को याद किया तो संविधान पर चर्चा में रुचि दिखाने के लिए सभी संसद सदस्यों को धन्यवाद भी दिया।

मोदी ने चाय पर चर्चा के लिए सोनिया-मनमोहन को बुलाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को फोन किया। उन्होंने दाेनों नेताओं को शुक्रवार शाम संसद का कामकाज खत्म होने के बाद चाय पर चर्चा के लिए बुलाया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मोदी दोनों नेताओं से जीएसटी बिल पर चर्चा करना चाहते हैं। संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पीएम ने कांग्रेस प्रेसिडेंट और पूर्व प्रधानमंत्री सिंह को चर्चा के लिए बुलाया है। हम चाहते हैं कि संसद ठीक से चले।

जीएसटी बिल का आप पर होगा यह असर
कांग्रेस की मांग है कि जीएसटी की दर 18 प्रतिशत कानून में ही तय कर दी जाए, जबकि सरकार दर तय करने का अधिकार अपने पास रखना चाहती है। उधर जीएसटी लागू होने से आपका खर्च बढ़ेगा या घटेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जीएसटी की दर क्या तय होती है। अगर कांग्रेस की 18 फीसदी वाली मांग मान ली गई तो आप पर इसके होने वाले असर को ऐसे समझें। जीएसटी का अर्थ है सामान और सेवाओं दोनों पर ही कर लगेगा और एक्साइज, वैट, सर्विस टैक्स, ऑक्ट्रॉय, लग्जरी टैक्स आदि सब खत्म हो जाएगा।

ज्यादातर सामान पर दो टैक्स चुकाते हैं उपभोक्ता
वर्तमान में आप ज्यादातर सामान पर दो टैक्स चुकाते हैं, एक केंद्र सरकार को एक्साइज और दूसरा राज्य सरकार को वैट। वैट ही पहले सेल्स टैक्स था। कुछ खास चीजों को छोड़ दें तो एक्साइज की अधिकतम दर 12.5 प्रतिशत है, जबकि वैट की दर अलग-अलग राज्यों में अलग अलग होती है। यानी कि आप मोटे तौर पर 25 से 26 फीसदी तक टैक्स चुकाते हैं। ऐसे में जीएसटी आने से आपको लाभ होगा, क्योंकि वैट और एक्साइज दोनों हट जाएंगे और अगर आपको 18 प्रतिशत जीएसटी चुकाना पड़ता है तो ज्यादातर सामान सस्ता हो जाएगा।

सामान सस्ता मिलेगा तो सेवाएं हो जाएंगी महंगी
वहीं आप वर्तमान में सेवाओं पर 14.5 प्रतिशत कर चुकाते हैं। जैसे 1000 रुपए के मोबाइल बिल पर आप 145 रुपए सर्विस टैक्स देते हैं। जीएसटी आने के बाद यह भी 18 प्रतिशत हो जाएगा यानी कि आपको 145 की बजाए 180 रुपए चुकाने होंगे। इस तरह देखा जाए तो रेस्त्रां में खाना, हवाई टिकट, बीमा प्रीमियम आदि तमाम सेवाएं महंगी हो जाएंगी। यानी कि अगर आपको सामान सस्ता मिलेगा तो सेवाएं महंगी हो जाएंगी।

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