कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने 14 साल पहले वाजपेयी सरकार के दौरान सरकारी बंगले का किराया कम करने की अपील की थी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने 14 साल पहले वाजपेयी सरकार के दौरान सरकारी बंगले का किराया कम करने की अपील की थी। प्रियंका को 2,765 स्क्वॉयर मीटर में फैले लुटियंस जोन के बंगले का किराया 53,421 रुपए महीना देने को कहा गया था। लेकिन उन्होंने 8,888 रुपए प्रति महीना ही दिया। प्रियंका ने सरकार को इतना बड़ा अमाउंट देने की उनकी हसियत नहीं है।
कैसे हुआ खुलासा
नोएडा के देव आशीष भट्टाचार्य द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में मिले 8 जुलाई 2003 के कैबिनेट कमिटी के नोट में यह सब खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, यह माना गया कि चारों लोग प्राइवेट सिटीजंस हैं और सुरक्षा कारणों के चलते उन्हें तय नियम के हिसाब से घर दिए गए हैं, वे लाइसेंस फीस रेट के हिसाब से रेंट नहीं दे सकते, लिहाजा इसकी समीक्षा की गई।
फिलहाल VI टाइप बंगले में रहती हैं प्रियंका
फिलहाल प्रियंका गांधी लोधी एस्टेट के टाइप VI सरकारी बंगले में रहती हैं। इसके लिए वे हर महीने 31,300 रुपए चुकाती हैं। वह और अन्य तीन प्राइवेट सिटीजंस, जिसमें पूर्व पंजाब डीजीपी केपीएस गिल, ऑल इंडिया एंटी-टेरेरिस्ट फ्रंट चीफ एमएस बिट्टा और पंजाब केसरी एडिटर अश्विनी कुमार सिक्युरिटी के चलते इसी तरह के बंगले में रहते हैं। इन लोगों को ये बंगले सिक्युटिरटी की वजह से दिए गए हैं। गिल और बिट्टा भी प्रियंका के बराकर रेंट देते है जबकि 2012 में पंजाब केसरी के एडिटर अश्विनी कुमार ने बंगला खाली कर दिया था।
14 साल पहले किराया कम करने प्रियंका ने कहा था?
RTI के मुताबिक, 7 मई 2002 को प्रियंका गांधी ने सरकार को लिखा था कि 53,421 हजार रुपए हर महीने देना उनकी हैसियत से बाहर है क्योंकि यह बहुत ज्यादा है। प्रियंका ने सरकार को सूचित किया था कि उन्होंने यह बंगला SPG की रिक्वेस्ट पर लिया हैं और इसके बड़े हिस्से पर SPG ही काबिज है। लेटर में पूर्व पीएम राजीव गांधी की इस बेटी ने कहा था वे तो पूल हाउस में रहती हैं इसकी वजह सिक्युरिटी है।
प्रियंका पर 31 जनवरी 2004 को 3.76 लाख रुपए का बकाया भी था। कैबिनेट कमेटी में नोट से खुलासा हुआ है कि सरकार ने माना कि जिन लोगों को पॉश लोकेशंस में सरकारी बंगले दिए गए हैं, उसकी वजह सिक्युरिटी है। ये भी माना कि ये लोग मार्केट रेट के हिसाब से किराया नहीं दे सकते। बंगलों के लिए स्पेशल लाइसेंस फीस 24 जुलाई 2003 को रिवाइज्ड की गई थी। प्रियंका के लिए उस दौरान यह 8,888 रुपए हर महीने थी। इसी लाइसेंस फीस के मुताबिक गिल के बंगले का किराया 60,741 की जगह सिर्फ 10,715 कर दिया गया था। बिट्टा के लिए 55,536 से 10,203 और अश्विनी कुमार के लिए 50,555 से 8,555 रुपए हर महीने तय किया गया था।
डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स के मुताबिक, 35-लोधी एस्टेट का बंगला प्रियंका को 21 फरवरी 1997 में 19,900 रुपए महीने के हिसाब से रेंट पर दिया गया था। इसके बाद किराए का रिव्यू किया जाता रहा। डिपार्टमेंट के मुताबिक, मार्केट रेट को देखें तो अब इसका किराया 81,865 रुपए महीना है।