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पाक का झूठ बेनकाब, PoK में आतंकी कैंपों के खिलाफ उतरे लोग

Published: Oct 06, 2016 02:19:00 pm

Submitted by:

Anil Kumar

पाक अधिकृत कश्मीर में लोग खुद ही आतंकी शिविरों का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर चुके हैं

protest in pok

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नई दिल्ली। पाकिस्तान पर हमेशा आतंकियों को पनाह देने के आरोप अब खुलकर सामने आने लगे हैं। हमेशा खुद को आतंक से पीड़ित देश के रूप में पेश कर इन आरोपों से बचते रहे पाकिस्तान में अब लोग आतंकी कैंपों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग खुद ही पाकिस्तान की देखरेख में चलने वाले इन आतंकी शिविरों का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए हैं। पीओके के मुजफ्फराबाद, कोटली, चिनारी, मीरपुर, गिलगिट, दायमर और नीलम घाटी के लोग आतंकी शिविरों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर उतर गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आतंकी शिविरों ने उनकी जिंदगी जहन्नुम बना दी है। लोगों का आरोप है कि आतंकी शिविरों के कारण वे नारकीय स्थिति में जीने के लिए मजबूर हो चुके हैं।

आतंकवाद को खत्म करने की मांग
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन तालिबानी आतंकी शिविरों का खात्मा नहीं करता है, तो हम खुद कार्रवाई करेंगे। यहां पर दायमर, गिलगित, बासीन और कई अन्य इलाके ऐसे हैं, जहां आतंकी शिविरों की मौजूदगी के कारण आम लोगों का जाने पर मनाही है। पीओके के स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रतिबंधित संगठनों और आतंकी शिविरों को यहां खाना और राशन मुहैया कराया जाता है। हम इसकी निंदा करते हैं और आतंकवाद को खत्म किए जाने की जरूरत है। उनका कहना है कि आतंकवादियों को पनाह दिए जाने से समस्या नहीं सुलझेगी। मालूम हो कि पाकिस्तान बार-बार आतंकवादियों को पनाह देने और भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल किए जाने के आरोपों से इनकार करता रहा है।

पाक का झूठ आया सामने
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने 29 सितंबर को जो सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई की उसके लिए भी पाकिस्तान लगातार नकार रहा है। जबकि, भारत की ओर से साफ कहा गया था कि उसकी कार्रवाई पीओके स्थित उन आतंकी लॉन्च पैड्स के खिलाफ थी, जिनका इस्तेमाल भारत में आतंकी नेटवर्क की सप्लाई करने में किया जाता है। भारत के इन दावों को पाकिस्तान ने झूठा बताया था। लेकिन अब पीओके के लोगों द्वारा आतंकवादी शिविरों के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर आने से उसका झूठ सबके सामने आ गया है।

2 अक्टूबर को भी सड़कों पर उतरे थे लोग
हालांकि पीओके में इस तरह स्थानीय लोगों का प्रदर्शन नई बात नहीं है। इससे पहले भी 2 अक्टूबर को पीओके के कोटली इलाके के स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी सेना और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ सार्वजनिक प्रदर्शन किया था। इन लोगों ने यह मुहिम आजादी की मांग करने वाले नेताओं के साथ हुई क्रूरता और फर्जी एनकाउंटरों में उनकी मौत के खिलाफ शुरू की गई है। मुजफ्फराबाद स्थित ऑल पार्टी नैशनल अलायंस के अंदाजे का कहना है कि आईएसआई ने पिछले दो सालों में आजादी की मांग कर रहे 100 से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं कराई हैं। पाकिस्तान एक ओर जहां दुनियाभर में कश्मीर का मामला उठाकर वहां के लोगों के साथ अपनी सहानुभूति जताता है और भारत का कब्जा खत्म कर आजाद कश्मीर के बारे में वकालात करता है। वहीं, पीओके में नाराज प्रदर्शनकारियों भीड़ कश्मीरियों की हत्यारी पाकिस्तानी सेना, आईएसआई से ज्यादा वफादार कुत्ते जैसे नारे लगा रही है।
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