राफेल सौदा: बिचौलियों की भूमिका खत्म, केस नहीं करेंगे स्वामी
Published: Apr 14, 2015 08:29:00 am
भारत को अपना पहला राफेल विमान ढाई साल से पहले नहीं मिल पाएगा
नई दिल्ली। भारत सरकार राफेल विमानों की खरीदी से संबंधित चर्चा सीधे फ्रांस सरकार से ही करेगी। रक्षा से संबंधित इस महत्वपूर्ण सौदे में किसी भी कंपनी या तीसरे पक्ष यानी बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होगी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को साफ किया कि भारत को अपना पहला राफेल विमान ढाई साल से पहले नहीं मिल पाएगा और इस बीच विमान की कीमत और अन्य पेंचीदा मुद्दों पर भी बात कर ली जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ही 36 राफेल विमानों को सीधे भारत-फ्रांस की सरकारों के बीच चर्चा के जरिए खरीदने की घोषणा की थी।
126 जेट विमान खरीदने की मेगा परियोजना एमएमआरसीए रद्द!
केंद्र सरकार 20 अरब अमेरिकी डॉलर के हल्के लड़ाकू विमान खरीदने की बड़ी परियोजना (मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्रॉफ्ट-एमएमआरसीए) के तहत 126 राफेल विमान खरीदने की योजना को अब खत्म करने की तैयारी कर चुकी है। केंद्र ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे चुका है। उल्लेखनीय है कि संप्रग सरकार ने वष्ाü 2007 में एमएमआरसीएकी योजना तैयार की थी। रक्षा सेनाओं का आधुनिकीकरण की यह योजना सौदों में दलाली और संभावित घोटालों की आशंकाओं के चलते समय रहते परवान पर नहीं चढ़ाया जा सकी।
स्वामी अब नहीं करेंगे केस
राफेल सौदा करने की स्थिति में केंद्र सरकार के खिलाफ मुकदमा की धमकी देने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी अब अपने पूर्व के बयान से पलट गए हैं। स्वामी ने सोमवार को कहा कि अब उन्हें इस मसले पर कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनका विरोध जिस डील को लेकर था, वो तो रद्द कर दी गई है।
स्वामी ने कहा कि सोनिया गांधी की सरकार ने 126 विमानों की डील की थी। अब मैं खुद रक्षा मंत्री पर्रिकर को फोन कर बधाई दूंगा कि उन्होंने कांग्रेस की डील रद्द कर दी। कोर्ट मैं तभी जा सकता हूं जब दस्तावेज हों लेकिन जब सरकार ने डील ही रद्द कर दी तो अब क्यों कोर्ट जाऊंगा। अब सरकार ने नई चीज की है और अब नए सिरे से निगोशिएशन होगा।
देश में बने राफेल विमान : अय्यर
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए था कि राफेल विमान हिंदुस्तान में भी बनें। भारत की सुरक्षा के लिए जितने प्लेन यहां बन सकते हैं, उसी से हमारी सुरक्षा होगी। मोदी एक तरफ तो कहते हैं मेक इन इंडिया, दूसरी तरफ उसको छोड़ चुके हैं। कुछ न कुछ किसी को खुश करवाने के लिए ये सौदा किया गया है। हमारा जो इरादा था कि ये सब हिंदुस्तान में बनेगा वो उन्होंने छोड़ दिया है।