भारत में बन सकेंगे राफेल विमान, फ्रांसीसी कंपनी से होगा समझौता
Published: May 03, 2015 08:56:00 pm
राफेल विमानों का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन भारत में साझेदारी में अपनी यूनिट स्थापित कर सकती है।
नई दिल्ली। राफेल विमानों के सौदे के तहत फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डसॉल्ट एविएशन भारत की सरकारी इकाई हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अथवा किसी निजी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम कर सकती है ताकि इस लडाकू विमान के निर्माण को आगे बढाने के लिए यहां एक आधार तैयार किया जा सके।
ऎसी खबर है कि राफेल विमानों का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन भारत में साझेदारी में अपनी यूनिट स्थापित कर सकती है। ऎसा भारत के दबाव के कारण संभव हो रहा है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस कदम से न सिर्फ फ्रांसीसी कंपनी को निर्माण की दर को तेज करने की अनुमति मिलेगी, बल्कि भारत में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में भी उसे मदद मिलेगी । यह बिक्री की कुल कीमत का 30-50 फीसदी हो सकता है। यह रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया श्रेणी के तहत पहला बड़ा कदम माना जा रहा है। इस कदम का मतलब यह भी होगा कि फ्रांसीसी कंपनी को उस स्थिति में बेहतर मौका मिलेगा जब भारत सरकार शुरूआती तौर पर 36 विमानों की खरीद को लेकर बनी सहमति से अलग और अधिक विमानों को लेने का फैसला करती है ।
भारत में लगेगीं उत्पादन इकाईंयां
सूत्रों ने कहा कि साझा उद्यम से डसॉल्ट एविएशन को भारत में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की अनुमति मिल जाएगी। साझा उद्यम में एचएल अथवा निजी क्षेत्र की कोई कंपनी हो सकती है। अभियान और रखरखाव के नजरिए से भी इन निर्माण इकाइयों से भारतीय वायुसेना को मदद मिलेगी। रक्षा सूत्रों का कहना है कि आगामी छह मई को फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां येवेस ली द्रियान की अपने भारतीय समकक्ष मनोहर पर्रिकर एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात के दौरान इन मुद्दे पर चर्चा होगी।
पांच मई को भारत आ रहे हैं फ्रांस के रक्षा मंत्री
फ्रांस के रक्षा मंत्री आगामी पांच मई को भारत आ रहे हैं। ताकि तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा सके। भारत रॉफेल लड़ाकू विमान की जल्द से जल्द उपलब्धता चाहता है। सूत्रों ने कहा, यह दौरा उस सौदे के व्यापक आयामों को तय करने के लिए है जिसके तहत अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने हैं। फ्रांसीसी सूत्रों ने कहा कि वे किसी भी विचार को लेकर तैयार हैं लेकिन अभी तक कुछ तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, हमें यह देखना होगा कि मुलाकात कैसी होती है तथा फिर इसको लेकर जानकारी लेंगे कि क्या किया जा सकता है। हम सभी विचारों को लेकर तैयार हैं। कुछ न कुछ किया जाना है। डसॉल्ट ने हाल ही में कतर से 24 रॉफेल लडाकू विमानों और एमबीडीए मिसाइल का अनुबंध हासिल किया। पिछले महीने भारत और फ्रांस ने रॉफेल विमानों के अनुबंध पर सहमति जताई थी जिसके तहत 37 विमानों की आपूर्ति जल्द की जानी है। इस साल फरवरी में मिस्त्र ने 24 विमानों की खरीद की थी।