हालांकित रेलवे बोर्ड के इस प्रस्ताव को अभी रेल मंत्री की स्वीकृति नहीं मिली है। रेल मंत्री की स्वीकृति के बाद इसे कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद मामले को कैबिनेट सचिव की अगुवाई वाली सचिवों की समिति को भेजा जाएगा और आखिर में जाकर इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए पेश किया जाएगा।