देश के कई राज्यों में बारिश कहर बनकर टूटी, कई राज्यों में बाढ़ के हालात, अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में
बारिश कहर बनकर टूट रही है।
राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बारिश से हालात काफी खराब हो चुके हैं। बारिश से अब तक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा हालात पश्चिम बंगाल में खराब हुए है। यहां साइक्लोन को लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है।
दक्षिण बंगाल में बाढ़ के हालातमुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के जलमग्न इलाकों में पर्याप्त मात्रा में राहत पहुंचाने पर जोर दिया। दक्षिण बंगाल में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने के मद्देनजर उन्होंने सचिवालय नवान्न में उच्च स्तरीय बैठक की। मौसम विभाग के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश में तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफान कोमेन पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ रहा है। उत्तर व दक्षिण बंगाल में अगले 48 घंटे तक मूसलाधार बारिश होने की चेतावनी है। परिस्थिति पर नजर रखने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विशेष कमेटी बनाई गई हैए जो हर रोज बैठक कर स्थिति की समीक्षा करेगी। बाढ़ के चलते लगभग 40 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुजरात में अब तक 9583 लोग बचाए गएवहीं गुजरात में पिछले दिनों हुई बारिश से उत्तर गुजरात के बनासकांठा, पाटन, महेसाणा के अलावा अहमदाबाद और कच्छ तथा मोरबी में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान अब तक पानी में फंसे साढ़े नौ हजार से अधिक लोगों को बचाया गया है, जबकि सर्वाधिक प्रभावित बनासकांठा और पाटन जिलों में अब भी वायु सेना, सेना, सीमा सुरक्षा बल तथा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) का बचाव कार्य जारी है। बनासकांठा और पाटन जाने वाली अहमदाबाद मंडल की 26 रेलगाडियों को रद्द रखा गया। राज्य के राहत कमिश्नर कार्यालय के हवाले से जारी आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर पिछले चार दिनों में 9583 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राज्य में पिछले पांच दिनों में हुई भारी वर्षा जनित घटनाओं में लगभग 70 लोगों की मौत हुई है।
जालोर-सिरोही में उतरा पानी, नजर आई तबाहीकई दिनों से पानी की कैद में जकड़े प्रदेश के कुछ इलाकों को शुक्रवार को राहत मिली। ज्यादा बारिश नहीं होने व मौसम के खुलने से नदियों और गांवों में भरा पानी उतरने लगा। फंसे लोगों को राहत सामग्री भी पहुंचाई गई। जालोर में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से पानी उतरना शुरू हो गया है। सिरोही में भी आबूरोड क्षेत्र में गांवों से पानी से उतरने के बाद तबाही का मंजर नजर आने लगा है। कई मकान क्षतिग्रस्त हुए। वहीं नदी की रपट, सड़कें, बिजली के खम्भे आदि क्षतिग्रस्त हो गए।
जालोर में नदियों में पानी चलने से अब भी कुछ रास्ते बंद हैं। सांचौर, चितलवाना, भीनमाल सहित नेहड़ क्षेत्र के गांवों से पानी उतरने पर प्रशासन ने राहत सामग्री पहुंचाना शुरू कर दिया है। पाली के निकट मठ गांव में तालाब फूट गया। कोटा, बारां तथा बूंदी में बूंदाबांदी हुई। बारां जिले में सारथल-अकलेरा मार्ग 15वें दिन भी बंद रहा। हालांकि बाड़मेर व नागौर के कुछ इलाकों में तेज बारिश हुई। वहीं नागौर में सात मकान गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई।