‘OBC क्रीमीलेयर की सीमा 10.50 लाख रूपए करे केन्द्र सरकार’
Published: May 05, 2015 10:22:00 am
वर्तमान में ओबीसी क्रीमीलेयर की सालाना सीमा छह लाख रूपये हैं
नई दिल्ली। राष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग ने केन्द्र से ओबीसी की क्रीमिलेयर की सीमा 10.50 लाख करने को कहा है। वर्तमान में ओबीसी क्रीमीलेयर की सालाना सीमा छह लाख रूपये हैं। क्रीमीलेयर ओबीसी में इनकम का दायरा है और यह गरीबी ओबीसी लोगों को धनवानों से अलग करता है। क्रीमीलेयर में आने वाले लोगों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है।
आयोग ने साथ ही सुझाव दिया है कि 27 प्रतिशत सीटों को भरने के लिए ओबीसी योग्यता में ढील दी जाए। उनके अनुसार केन्द्र की नौक रियों में पिछड़ों का प्रतिनिधित्व लक्ष्य से काफी कम हैं। बिहार चुनावों से पहले यह मुद्दा राजनीतिक रूप ले सकता है। बिहार ओबीसी जातियों का गढ़ है और पीएम नरेन्द्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान खुद के ओबीसी नेता के रूप में प्रचारित किया था। हाल ही में ओबीसी सांसदों की बैठक में बिहार से सांसद राम कृपाल यादव और उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इस दायरे को बढ़ाने की मांग की थी।
ओबीसी में क्रीमीलेयर की शुरूआत 1993 में हुई थी और उस समय इसका दायरा एक लाख रूपये था, 2004 में इसमें सुधार कर इसे 2.5 लाख रूपये कर दिया गया। इसके बाद 2008 में 4.5 लाख और 2013 में 6 लाख कर दिया गया। आयोग के अनुसार केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार ओबीसी का नौकरियों में प्रतिनिधित्व 27 प्रतिशत का आधा भी नहीं है।