भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक शुरुआती जांच में दुरुपयोग किए गए कार्ड संख्या बहुत कम
मुंबई. बैंक के 32 लाख खाता धारकों के डेबिट कार्ड के डाटा में सेंध की खबर के बाद तमाम बैंक और खाताधारक सकते में आ गए। कहीं डेटा लीक होने के चलते कार्ड ब्लॉक कर दिए गए तो कुछ बैंक ने खाता धारकों से तुरंत पिन चैंज करने, सिर्फ अपने ही बैंक के एटीएम से डील करने जैसे प्रीलिमनरी कॉशन लिए। इन सबके बीच कई बैंकों ने मामले में जांच के लिए फोरेंसिक ऑडिटर की मांग भी की। इसी कड़ी में डेबिट कार्ड डाटा में सेंध के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि फ ोरेंसिक ऑडिटर मामले की जांच कर रहा है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने आशंकाओं को दूर करने के प्रयास करते हुए यह भी कहा कि दुरुपयोग किए गए कार्ड की संख्या बहुत कम है।
एनपीसीआई और नेटवर्क ऑपरेटरों के साथ समीक्षा
रिजर्व बैंक ने चुनिंदा बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियोंए नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और कार्ड नेटवर्क ऑपरेटरों के साथ बैठक कर विभिन्न एजेंसियों द्वारा कार्ड डाटा में सेंधमारी के प्रभाव को थामने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की।
शीर्ष बैंक ने कहा कि 8 सितंबर को उसके नोटिस में आया कि कुछ बैंकों द्वारा जारी कुछ कार्ड के डाटा में एटीएम स्विच से संबंधित एटीएम में सेंधमारी हुई है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, पीसीआई-डीएसएस मसौदा (पेमेंट कार्ड इंडस्ट्री डाटा सिक्योरिटी स्टैंडर्ड) के तहत इस मामले का फ ोरेंसिक ऑडिटर जांच कर रहा है। बयान के अनुसार अभी तक जो सूचना मिली है, उसके अनुसार जितने कार्ड का दुरुपयोग हुआ है, उसकी संख्या बहुत कम है।