आतंकियों पर कार्रवाई में पाकिस्तान की मदद को तैयार : राजनाथ
Published: Oct 17, 2016 05:43:00 pm
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया का अकेला ऐसा देश है जो
छह देशों से घिरा हुआ है, ऐसे में देश का प्रभावी सीमा प्रबंधन होना जरूरी
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चंडीगढ़। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बाहरी और आंतरिक आतंकवाद को देश के समक्ष बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा है कि सरकार इससे निबटने के लिए दोनों ही मोर्चों पर ठोस सुरक्षा तंत्र स्थापित करने में लगी हुई है। सिंह ने आज ‘क्षेत्रीय संपादकों के सम्मेलन’ में प्रभावी सीमा प्रबंधन और राष्ट्रीय सुरक्षा विषयों पर अपने विचार रखते हुए दोनों ही मुद्दों को देशहित में अति महत्वपूर्ण बताया और कहा सरकार ने इस दिशा में कारगर कदम उठाए हैं। साथ ही भविष्य के लिए ठोस रणनीति भी तैयार की है जिनके परिणाम जल्द सामने आएंगे।
उन्होंने भारत को विश्व की शीर्ष दस अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बताते हुए अगले 15-20 वर्षों में इसके तीन शीर्षतम अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होने की सम्भावना जताई। उन्होंने कहा कि देश के विकास की गति को देखते हुए ऐसा लगता है कि भविष्य में दुनिया के नेतृत्व की क्षमता भारत के पास आने वाली है और यह बात कुछ ताकतों को खटक रही है और वे देश को अस्थिर करने और इसे कैसे नुकसान पहुंचाया जाए, इसकी प्रगति में कैसे बाधा डाली जाए इस पर अवश्य काम कर रही होंगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया का अकेला ऐसा देश है जो छह देशों से घिरा हुआ है। ऐसे में देश का प्रभावी सीमा प्रबंधन होना जरूरी है। उन्होंने म्यांमार, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के साथ सीमाओं को कुलमिलाकर शांतिपूर्ण बताया वहीं पाकिस्तान और चीन से लगती सीमाओं को बेहद संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।
अतिक्रमण की घटनाओं में आई कमी
केन्द्रीय गृह मंत्री ने चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को काफी हद तक सामान्य बताया और कहा कि इस देश के साथ सीमा विवाद को बातचीत के माध्यम से सुलाने के प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन दोनों देशों ने विकास और व्यापार पर मुख्य रूप से जोर दिया है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2014 के बाद से भारत चीन सीमा पर अतिक्रमण की घटनाओं में काफी कमी आई है। पाकिस्तान के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह न तो दूसरों का भला देख सकता है और न ही आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी सोच में उसे अब अपना भला दिखाई देता है। पाकिस्तान सरकार एक सोची समझी नीति के तहत भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने में जुटी हुई है जिसे अब पूरा विश्व भी मानने लगा है और इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान अब विश्व में अलग थलग पड़ता जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले देशों की जहां भत्र्सना की गई है वहीं इस पर भी सहमति बनी कि ये देश अपनी सीमाओं का आतंकवाद के लिए किसी भी तरीके से दुरुपयोग नहीं होने देंगे। इन देशों में चीन भी शामिल है। कश्मीर में सीमा पार से हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर गृह मंत्री ने पाकिस्तान पर तंज कसा कि उसे ‘टेररिस्ट’ और ‘फ्रीडम फाईटर’ में फर्क नजर नहीं आता है।
2018 तक सील होगी पूरी सीमा
उन्होंने कहा कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के मद्देन•ार सरकार ने अब पाकिस्तान के साथ लगती सीमा के प्रभावी प्रबंधन की योजना बनाई है जिसके तहत इसे वर्ष 2018 तक पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा। गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ कुल 3323 किलोमीटर लम्बी सीमा है जिसमें से लगभग 2290 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा है और लगभग 254 किलोमीटर सीमा में नदियां. समुद्र और अन्य कठित क्षेत्र हैं।
मदद के लिए हम तैयार
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ लगती 2034 किलोमीटर क्षेत्र में फेनसिंगग का काम पूरा हो चुका है। इन पर सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाने के अलावा वहां फ्लड लाईट, सीमा चौकियां और सड़कें बनाने का काम जारी है। नदियों और समुद्र के बीच आने वाली सीमाओं पर अतिक्रमण रोकने के लिए लेजर बीम तथा अत्याधुनिक उपकरण स्थापित किए जाएंगे। पाकिस्तान में आतंकवाद की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि अगर वह इसे कुचलने के लिए हमारी सहायता चाहता है तो भारत इसके लिए तैयार है।
जम्मू-कश्मीर में मध्यस्थता की जरूरत नहीं
उन्होंने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत को खारिज किया। कश्मीर में हालात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जल्द ही वहां स्थिति सामान्य होगी। ढाई महीनों में वह चार बार कश्मीर गए हैं तथा लोगों से भी हालात सामान्य बनाने के लिए सहयोग करने की अपील की है। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने सम्बंधी एक सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी कोई जरूरत है। राष्ट्रपति शासन विशेष परिस्थितियों में लगाया जाता है।