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धार्मिक असहिष्णुता-उकसावे की प्रवृत्ति बढ़ी: रक्षा मंत्रालय थिंक टैंक

Published: Dec 02, 2015 08:39:00 am

Submitted by:

Rakesh Mishra

रक्षा मंत्रालय थिंक टैंन ने अपने नोट में लिखा कि कई ऐसे संगठन हैं जो युवाओं को बरगला रहे हैं और उनमें असुरक्षा का भावना भर रहे हैं

intolerance in india

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नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय से आर्थिक सहायता लेने वाले दि इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेन्स स्टडीज एंड एनॉलेसिस (आईडीएसए), जिसके रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी कार्यकारिणी सदस्य हैं, ने आंतरिक राष्ट्रीय सुरक्षा सेमिनार के लिए लिखे नोट में कहा है कि धार्मिक असहिष्णुता और उकसावे वाली प्रवृत्ति में इजाफा हुआ है। आईटीएसए ने अपने यह विचार 9 दिसम्बर को होने जा रहे आंतरिक राष्ट्रीय सुरक्षा पर तीसरे वार्षिक सेमिनार के लिए लिखे हैं।

संगठन ने लिखा है कि असुरक्षा और प्रेमभाव में अभाव का वातावरण है। सेक्यूलर राजनीति ध्रुवीकरण रोकने में मुख्य भूमिका निभा सकती है। सोशल मीडिया के जरिए कथित रूप से अलगाववादी विचारधारा फैलाए जाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए नोट में कहा गया है कि कई ऐसे संगठन हैं जो युवाओं को बरगला रहे हैं और उनमें असुरक्षा का भावना भर रहे हैं।

इस बारे में जब आईडीएसए के प्रवक्ता से पूछा गया तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। आईडीएसए की स्थापना 1965 में तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण द्वारा की गई थी। अगस्त तक इसके मुखिया उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अरविन्द गुप्ता थे। वर्तमान में इसके मुखिया जयन्त प्रसाद है जो अफगानिस्तान, अल्जीरिया, नेपाल में राजदूत रह चुके हैं। वे विदेश मंत्रालय में विशेष सचिव (जन सम्पर्क) भी रह चुके हैं।
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