पत्र में महिला ने लिखा था, जब PM का प्रतिनिधि उनके घर आया और
LPG सब्सिडी छोडऩे के लिए धन्यवाद पत्र दिया,तो उनके लिए PM
का पत्र पद्मश्री से कम नहीं था
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में 84 वर्षीय रिटायर्ड महिला टीचर के भावुक पत्र का जिक्र किया, जिसने एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी छोड़ दी। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में महिला टीचर का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका लिखा पत्र पढ़ा। पत्र में महिला ने लिखा था,जब प्रधानमंत्री का प्रतिनिधि उनके घर आया और एलपीजी सब्सिडी छोडऩे के लिए धन्यवाद पत्र दिया,तो उनके लिए प्रधानमंत्री का पत्र पद्मश्री से कम नहीं था। आप (प्रधानमंत्री)अच्छा काम कर रहे हैं। आप(प्रधानमंत्री)देश की गरीब माताओं को धुएं से आजादी दिलाने के लिए काम कर रहे हैं।
मैं रिटायर्ड टीचर हूं और कुछ सालों में 90 साल की हो जाऊंगी। मैं आपको 50 हजार रुपए दान के रूप में भेज रही हूं,इस राशि का इस्तेमाल आपको(प्रधानमंत्री)देश की गरीब महिलाओं को धुएं रहित चूल्हे दिलाने के पुनीत कार्य के लिए करने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा,यह 50 हजार रुपए का मामला नहीं है। जब एक रिटायर्ड टीचर,जो पेंशन पर निर्भर है,देश की माताओं और बहनों को धुएं से आजादी दिलाने और फ्री गैस कनेक्शन दिलाने के लिए 50 हजार रुपए देती है तो आप उस मां की महानता की कल्पना कर सकते हैं।
मैं सही में सौभाग्यशाली हूं कि मुझे आशीर्वाद देने के लिए ऐसी माताएं और बहने हैं। ऐसे में देश के महान भविष्य के प्रति मेरा विश्वास और मजबूत होता है। उस महिला टीचर ने पत्र में मुझे न सिर्फ प्रधानमंत्री के रूप में संबोधित किया बल्कि मोदी भैया भी कहा। मैं सही में ऐसी मां और अन्य भारतीय माताओं को सलाम करता हूं,जो दूसरों के कल्याण के लिए हमेशा कुछ न कुछ करती रहती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस तरह की घटानएं उन्हें देश के नागरिकों के प्रति महान कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं और ऊर्जा मिलती हैं। प्रधानमंत्री ने उन सभी भारतीयों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने गिवइट कैम्पेन में योगदान दिया।
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