नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में फिल्मी स्टाइल में तीन युवकों ने एटीएम कैश वैन को लूटा और सारे सबूत मिटाकर अगले दिन हरिद्वार चले गए। लेकिन नोटों में जीपीएस चिप होने के डर से वे पैसे खर्च नहीं कर सके और दिल्ली लौटने पर धरे गए।
लोकेशन अारबीअाई के पास पहुंचने का डर था
डीसीपी साथिया सुंदरम के अनुसार, इन्होंने 9.5 लाख रुपये की रकम लूटी थी। सभी नए नोट थे। इन्हें इनमें जीपीएस चिप लगे होने का डरा था। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने सुना था कि खरीदारी में नए नोट देते वक्त चिप काम करना शुरू कर देती है और लोकेशन आरबीआई के पास चली जाती है। वहीं, डीसीपी (ईस्ट) ओमवीर सिंह ने बताया कि प्लान के तहत एक मॉल के बाहर से चोरी की गाड़ी में तीनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपी बिट्टू (29), रोहित नागर(19) और सनी शर्मा (22) युवक पुलिस हिरासत में हैं। इन तीनों ने मिलकर सिविल लाइन्स से मोटरसाइकिल चुराई थी।
एटीएम वैनों पर नजर रखी
वारदात से पहले इन्होंने लगातार कई दिनों तक अलग-अलग जगहों पर एटीएम में कैश डालने वाली गाडिय़ों की स्टडी की। स्टार्टिंग प्वाइंट से लेकर एटीएम पहुंचने तक कितने गार्ड वैन के साथ होते हैं, कैश डालते वक्त गाड़ी कहां और कितनी देर पार्क होती है। उस वक्त गार्ड की पोजिशन क्या होती है, जैसी बातों की पूरी जानकारी जुटाकर इन्होंने लूट के लिए सुनसान जगह को चुना। वरदात को अंजाम देने से पहले 19 तारीख को भी इन्होंने पूरे दिन वैन का पीछा किया और तीन बार लूट का प्रयास किया।
तमंचे की नोट पर लूट
शकरपुर, लक्ष्मीनगर और निर्माण विहार क्षेत्र में भीड़ अधिक होने के कारण आरोपी लूट में नाकाम रहे। प्रताप गंज क्रॉसिंग पर अपने मुनासिब माहौल पाकर इन्होंने देसी तमंचे की नोक पर घटना को अंजाम दिया और रकम लेकर यमुना पुश्ता गए। वहां खाली बैग और बाइक छोड़कर दो बार ऑटो बदलकर तीनो आरोपी घर पहुंचे। एक दिन बाद तीनों हरिद्वार के लिए निकल गए। हरिद्वार पहुंचने के बाद टीवी चैनल्स पर इन्होंने नए नोटो में जीपीएस चिप की खबर सुनी तो पकड़े जाने के डर से इन्होंने पैसों का इस्तेमाल नहीं किया और दिल्ली वापस आ गए।
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