scriptNoteBandi: रुसी दूतावास का दर्द- ‘कैश कम, खाने के लिए भी पैसे नहीं’ | Russian embassy in trouble after demontisation says dont have cash for dinner | Patrika News

NoteBandi: रुसी दूतावास का दर्द- ‘कैश कम, खाने के लिए भी पैसे नहीं’

Published: Dec 06, 2016 01:03:00 pm

दूतावास ने विदेश मंत्रालय को लिखा पत्र। राजदूत ने कहा कि पैसा निकालने की लिमिट का नियम खत्म हो।

Russian embassy in India

Russian embassy in India

नई दिल्ली. नोटबंदी के कारण नई दिल्ली स्थित रुसी दूतावास को कैश की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। रुस ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए भारत को पत्र लिखा है। रुसी राजदूत ने कहा, ‘कैश की इतनी कमी है कि उनके पास खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं।’ वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि समस्या का समाधान किया जा रहा है।

रुसी दूतावास के तमाम स्टाफ को भी कैश की कमी से जूझना पड़ रहा है। इससे उनके रोजमर्रा के कई कामों पर असर पड़ा है। रुसी राजदूत एलेक्सेंडर कदाकिन ने इस बाबत दो दिसंबर को विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा। उन्होंने लिखा कि नोटबंदी की वजह से कैश निकालने की लिमिट तय की गई है। जितना पैसा निकालने की अनुमति है, उतने पैसों से मोस्को के किसी रेस्तरां में अच्छा डिनर तक नहीं किया जा सकता। बकौल राजदूत, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने हमें सूचना दी कि दूतावास सप्ताह में केवल 50 हजार रुपये निकाल सकता है। हम इतने पैसों में कैसे गुजारा कर सकते हैं? दूतावास ने राजनयिकों को लिए पैसा निकालने की लिमिट खत्म करने की मांग की।

200 लोगों का स्टाफ

रुसी दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली स्थित दूतावास में करीब 200 लोगों का स्टाफ है। इसमें इन कर्मचारियों के परिवार वाले शामिल नहीं हैं। 50 हजार रुपये की लिमिट के हिसाब से एक हफ्ते में एक कर्मचारी के हाथ में 250 रुपये आते हैं। अधिकारी कहते हैं कि इतने कम पैसे में कोई नई दिल्ली में कैसे रह सकता है? वहीं, कई जानकारों का मानना है कि अगर हालत नहीं सुधरे तो दुनियाभर में रहने वाले भारतीय राजनयिकों को भी वहां दिक्कतें हो सकती हैं।

पाकिस्तान समेत कई देशों ने जताई आपत्ति

 पाकिस्तान, सूडान, कजाकिस्तान, इथिओपिया और यूक्रेन समेत कई देशों ने कैश की कमी पर अपना दर्द बयां किया है। इन्होंने बैंक से पैसा निकालने की लिमिट तय होने पर आपत्ति जताई है। हाल में पाकिस्तान उच्चायोग ने गुस्से में डॉलर के रूप में मिलने वाली सैलरी लेने से साफ इनकार कर दिया था। दरअसल, इनकी सैलरी डॉलर में आती है। मगर जिस बैंक में इनका खाता है उसने कहा था कि यदि डॉलर को रुपये में तब्दील कराया जाएगा तो अधिक शुल्क देना होगा। ज्यादा शुल्क लेने पर पाकिस्तान ने नाराजगी जाहिर की थी। दरअसल, बैंक ने डॉलर की मांग बढऩे और डॉलर की कमी की वजह से शुल्क बढ़ा दिया था।
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